Thursday, November 14, 2024
Homeखेलसायना से सोना जीतने की थी उम्मीद, कांस्य से करना पड़ा संतोष

सायना से सोना जीतने की थी उम्मीद, कांस्य से करना पड़ा संतोष

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

राष्ट्रमंडल खेलों की चैंपियन भारत की सायना को 18वें एशियाई खेलों में सोमवार को बैडमिंटन स्पर्धा के महिला एकल सेमीफाइनल में हार के बाद केवल कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा। बीते 36 साल के इतिहास में ऐसा पहला मौका है जब किसी भारतीय खिलाड़ी ने बैडमिंटन में कोई पदक जीता है। पिछली बार सैयद मोदी ने 1982 में कांस्य पदक जीता था।अंतिम  बार 1982 में सैयद मोदी ने कांस्य पदक जीता था।

सायना को शीर्ष वरीयता प्राप्त चीनी ताइपे की ताई जू यिंग के हाथों लगातार गेमों में 17-21, 14-21 से शिकस्त झेलनी पड़ी। ताई ने भारतीय शटलर के खिलाफ बढ़िया खेल दिखाया और 18-14 की बढ़त और लगातार चार अंक लेकर 21-17 से पहला गेम जीता।

साइना को मैच में कई बार गलत फुटवर्क का खामियाजा भी भुगतना पड़ा और वे 10-11 से पिछड़ गईं। हालांकि 10वीं रैंक भारतीय खिलाड़ी ने लंबी रैली खेलते हुए जू यिंग के खिलाफ लगातार अंक जुटाए। वे मैच में बने रहने के लिए एकएक अंक जुटाने को जूझती दिखीं। उन्होंने कई बार स्कोर बराबरी का प्रयास किया, लेकिन गलतियों से वे 14-21 से गेम और 36 मिनट में मैच गंवा बैठीं।

सेमीफाइनल मुकाबला गंवाने के साथ उन्हें कांस्य से संतोष करना पड़ा। हालांकि साइना एशियाई खेलों में महिला एकल में पदक जीतने वाली पहली खिलाड़ी बन गई हैं। उनके बाद अब सारी निगाहें एकल की अन्य खिलाड़ी और ओलंपिक रजत विजेता पीवी सिंधू पर लग गई हैं।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Ad
- Advertisment -

Most Popular