नई दिल्ली abhayindia.com लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत कर केरल की रेम्या हरिदास भी संसद पहुंची हैं। रेम्या केरल से जीत दर्ज करने वाली दूसरी महिला सांसद हैं। यही नहीं, वह इस वक्त केरल से एकमात्र महिला सांसद हैं।
गरीबी से लेकर संसद पहुंचने तक उनका सफर काफी प्रेरणा देने वाला है। एक दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करने वाली 32 साल की रेम्या की कुल नकद संपत्ति सिर्फ22 हजार रुपए है। उनकी मां भी एक सक्रिय कांग्रेस नेता हैं, जो कि कपड़े सिलने का काम करती थीं।
रेम्या ने एक अंग्रेजी वेबसाइट से बातचीत में बताया कि हमने गरीबी को बहुत करीब से देखा है। हम तब एक फूस की झोपड़ी में रहते थे और अब भी हम सरकारी घर में रहते हैं। ऐसे समय में जब माता-पिता अपनी बेटियों को बाहर भेजने से डरते थे। तब मेरे मां-बाप ने मुझे अपनी हदों को आगे बढ़ाने और जिंदगी के हर क्षेत्र में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
रेम्या के राजनीतिक करियर की शुरुआत तब हुई जब 2011 में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें टैलेंट हंट के ज़रिए चुना। रेम्या हरिदास का कहना है कि राहुल गांधी के इस चुनाव से मुझे कांग्रेस के संसदीय दल का हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला। राहुल गांधी की शैली महात्मा गांधी जैसी है, जहां वह लोगों की बात सुनते हैं और उनसे फीडबैक भी लेते हैं। रेम्या लोकसभा चुनाव से पहले कुन्नमंगलम की ब्लॉक पंचायत अध्यक्ष थीं, जिसे वामपंथी बहुल क्षेत्र माना जाता था। 2019 में अलथुर के आरक्षित लोकसभा क्षेत्र से रेम्या हरिदास का मुकाबला भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) से दो बार के सांसद पीके बीजू से था। लेफ्ट का गढ़ मानी जाने वाली इस सीट से रेम्या ने 1.5 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की।
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