जयपुर Abhayindia.com गौ तस्करी को लेकर जिंदा जलाए गए जुनैद और नासिर के मामले में राजस्थान पुलिस ने मंगलवार को हरियाणा में छापेमारी की। पुलिस हत्या के आरोपी और हरियाणा गौरक्षा प्रमुख मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर की गिरफ्तारी के लिए मानेसर गांव पहुंची। मोनू समर्थकों को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने इसका विरोध करते हुए दिल्ली–जयपुर नेशनल हाइवे जाम कर दिया।मोनू समर्थकों ने मानेसर में ही हिंदू महापंचायत भी की। महापंचायत में सीधे तौर पर राजस्थान पुलिस को चुनौती दी गई।
महापंचायत में कहा गया कि मोनू मानेसर को साजिश के तहत इस केस में फंसाया जा रहा है। चूंकि मोनू मानेसर और उसके साथियों ने पिछले 8 सालों में अपनी जान की परवाह किए बगैर गाय माता को बचाया है। कुछ लोग राजस्थान पुलिस के साथ मिलकर मोनू को जेल में डालने की साजिश कर रहे हैं।
आपको बता दें कि मोनू मानेसर के समर्थन में 4 दिन से प्रदर्शन हो रहा है। सोमवार को ही गुरुग्राम की सड़कों पर युवाओं ने प्रदर्शन किया था। इससे पहले विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल मोनू मानेसर का समर्थन कर चुके हैं।
यह है मामला…
आपको बता दें कि जुनैद (35) और नासिर (28) दोनों राजस्थान के जिला भरपुर के गांव घाटमीका के रहने वाले थे। ये गांव हरियाणा बॉर्डर के नजदीक है। जुनैद के चचेरे भाई इस्माइल ने 15 फरवरी को गोपालगढ़ थाना (भरतपुर) में दोनों के अपहरण और मारपीट का केस दर्ज कराया है। अगले दिन 16 फरवरी को जुनैद और नासिर की लाश हरियाणा में भिवानी जिले के कस्बा लोहारू में जली हुई हालत में मिली थी। दोनों के कंकाल बोलेरो गाड़ी में मिले थे। इस मामले में भरतपुर पुलिस ने अपहरण और हत्या का मामला दर्ज किया है।
इस मामले में मृतक जुनैद और नासिर के परिवार वालों ने हरियाणा के फिरोजपुर–झिरका की पुलिस व बजरंग दल के गौरक्षा प्रमुख मोनू मानेसर पर हत्या का आरोप लगाया है। परिजन का कहना है कि दोनों को पहले हरियाणा पुलिस ने गाड़ी से टक्कर मारी और फिर अधमरी हालत में बजरंग दल वालों को सौंप दिया, जिन्होंने दोनों को जलाकर मार डाला।