जयपुर Abhayindia.com प्रदेश की गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार के बाद अब कांग्रेस में सबसे बड़ी चुनौती संगठन में खाली पड़े पदों पर नियुक्तियां करना है। जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए प्रदेश के दिग्गज नेताओं में खींचतान का दौर जोरों से चल रहा है। बताया जा रहा है जिन जिलों में जिलाध्यक्ष पद के लिए विवाद की स्थिति नहीं है वहां पहले चरण में जिलाध्यक्षों की घोषणा की जाएगी। इस चरण में करीब 20 जिलों के जिलाध्यक्ष फाइनल हो जाएंगे। इधर, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा है कि जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए हाईकमान से मंजूरी का इंतजार है।
आपको बता दें कि कांग्रेस में अभी 39 जिलाध्यक्ष के पद हैं। जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, उदयपुर, बीकानेर में शहर और ग्रामीण के जिलाध्यक्ष हैं। अब जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो–दो शहर जिलाध्यक्ष बनाए जाने के बाद इन तीन जिलों में तीन–तीन जिलाध्यक्ष हो जाएंगे।
इसलिए हो रही देरी…
प्रदेश कांग्रेस में बड़े नेताओं की खींचतान के चलते ही सभी जिलों में जिलाध्यक्षों की नियुक्तियों का काम अटका हुआ है। हालांकि, अब आधे से ज्यादा जिलों में नामों पर सहमति बन चुकी है। लेकिन, अब भी कई जिलों में दो से तीन दावेदारों को लेकर एकराय नहीं बन सकी है।