जयपुर abhayindia.com लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 25 सीटों पर करारी हार के बाद अब अब प्रदेश कांग्रेस संगठन में बड़े फेरबदल की सुगबुगाहट तेज हो गई है। पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने इस संबंध में मंथन भी शुरू कर दिया है। संभवत: स्थानीय निकाय और विधानसभा उप चुनाव से पहले बदलाव कर दिया जाएगा।
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में हुई हार के बाद बड़े नेताओं के बीच परस्पर आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए है। पार्टी में उपजी इस कलह को दूर करने के लिए अब प्रदेश पदाधिकारियों के साथ ही जिलों में बड़े बदलाव की तैयारी शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि पार्टी में लगभग तीन दर्जन तो ऐसे बड़े पदाधिकारी हैं जो सीधेतौर पर विधायक या अन्य पदों पर सत्ता में भागीदारी पा चुके हैं। संभवत: इन पदाधिकारियों की अब अब संगठन से मुक्त कर दिया जाएगा।
पार्टी में बदलाव की यह मांग हालांकि विधानसभा चुनाव के बाद से ही उठने लगी थी, लेकिन तब जीत के उत्साह के चलते ऐसा नहीं हो सका। अब लोकसभा चुनाव के बाद बदलाव को लेकर स्वर तेज हो गए हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि प्रदेश संगठन में बदलाव से ही जमीनी कार्यकर्ता में जोश का संचार हो सकेगा और इसके बाद ही उपचुनाव और स्थानीय निकाय चुनाव में पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर सकेगी।
ये हो सकते हैं संगठन से मुक्त!
वर्तमान में प्रदेश की कांग्रेस सरकार में छह ऐसे मंत्री हैं, जो संगठन में प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर भी काबिज हैं। इनमें भंवरलाल मेघवाल, रघु शर्मा, प्रमोद जैन भाया, विश्वेन्द्र सिंह, उदयलाल आंजना, गोविंद सिंह डोटासरा शामिल हैं, जबकि तीन विधायक खिलाड़ीलाल बैरवा, अशोक बैरवा और महेंद्रजीत सिंह मालवीया के पास उपाध्यक्ष का पद भी है। इसी तरह सरकारी उप मुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी तथा विधायक मुरारीलाल मीणा संगठन में महामंत्री की भी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
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