बीकानेर Abhayindia.com नगर विकास न्यास की ओर से आज करमीसर में राजकीय स्कूल के पास हटाए गए अतिक्रमण को लेकर सवाल उठने लगे है। जिन लोगों के आश्रयस्थल तोडे गए है उन पर काबिज लोगों ने न्यास के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए है।
करमीसर निवासी सुशील जाट ने इस संबंध में जिला कलक्टर के नाम पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है। सुशील जाट ने बताया कि उनकी दादी अन्नी देवी, चाचा गोपालाराम, चाची माना देवी उर्फ मानी देवी के नाम से तीन पटटे ग्राम पंचायत करमीसर की ओर से 1987 में बनाए गए थे, जिसका नियमन नगर निगम की ओर से 2013 में करवाया गया था। प्रार्थी के उपरोक्त तीन बाबत अर्बन डवलपमेंट टैक्स भी नगर निगम बीकानेर में जमा करवा रखा है। तीनों भूखंडों पर चारदीवारी बनवाकर कमरों का निर्माण करवा रखा है। मौके पर पानी, बिजली के कनेक्शन भी ले रखे हैं। नगर विकास न्यास की ओर से 5 जनवरी 2018 को प्रार्थी के तीनों भूखंडों को कब्जे व अतिक्रमण बताते हुए लाल रंग का क्रॉस लगाकर तोडने की धमकी दी गई थी। बाद में प्रार्थी ने भूखंडों की सुरक्षा के लिए एसीजेएम नंबर तीन में चिर स्थायी निषेधाज्ञा के दावे किए गए। इन तीनों ही दावों में एसीजेएम तीन दवारा चिर स्थायी निषेधाज्ञा का आदेश दिया गया है। इसके बावजूद न्यास दवारा मनमाने तरीके से न्यायालय के आदेशों को दरकिनार करते हुए प्रार्थी के तीनों भूखंडों पर बने आश्रयजात को ध्वस्त कर दिया। प्रार्थी की ओर से मौके पर न्यास के अधिकारियों को न्यायालय के आदेशों की प्रति भी दिखाई गई, लेकिन उसे दरकिनार करते हुए निर्माण तोड दिया गया। प्रार्थी ने आश्रयजात को तोडने से हुए नुकसान का हर्जा खर्चा न्यास से दिलाने की मांग की है।