Sunday, May 12, 2024
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जनता से खराब फीडबैक मिला तो सस्पेंड होंगे पुलिसकर्मी

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बीकानेर abhayinda.com प्रदेश में आमजन के बीच पुलिस की छवि को सुधारने के लिये पुलिस विभाग ने अब लोगों से फीडबैक लेने का फैसला किया है। दावा किया जा रहा है कि पुलिस इस फीडबैक के आधार पर थानों की रेटिंग तय करेगी। नयी योजना के तहत पुलिस और सरकार खराब रेटिंग वालों की कार्यप्रणाली में सुधार कर उन्हें जवाबदेह बनाएगी। बड़ी बात यह है कि आपको खाकी से खौफ खाने की भी कोई जरूरत नहींक्योंकि फीडबैक और रेटिंग देने वाले किसी भी शख्स की पहचान कहीं भी जाहिर नहीं हो सकेगी। किसी थाने में एफआईआर नहीं लिखी जा रही तो किसी में फरियादियों को दुत्कार कर भगा दिया जाता है… कहीं अपराधियों से सांठगांठ कर पुलिसकर्मी अवैध कारोबार चलवा रहे हैं तो कहीं बंधी बचाने के लिए अपनों की ही बलि चढ़ाई जा रही है… प्रदेश में बेलगाम हो चुकी खाकी की नकेल कसने के लिए पुलिस मुख्यालय ने पब्लिक के हाथों में उनके मूल्यांकन की ताकत सौंप दी है।

 फीडबैक तय करेगा भविष्य

पुलिस की मदद मांगने पर लोगों का अनुभव कैसा रहा यह जानने के लिए पुलिस मुख्यालय ने अपने अधिकारिक पोर्टल पर फीडबैक फार्म अपलोड किया है। इसमें कोई भी शख्स पुलिस के साथ अपने अनुभव साझा कर सकता है। हालांकि फीडबैक लेते समय इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि कहीं कोई नाहक ही तो पुलिसकर्मियों की खिंचाई तो नहीं कर रहाइसलिए फीडबैक देते समय उसकी वजह या संबंधित घटना की जानकारी भी मांगी जा रही है। भरा हुआ फार्म सीधे मुख्यालय में तैनात आला अफसरों के पास जाएगा। जिस थाने की ज्यादा और गंभीर शिकायतें आएंगीमुख्यालय वहां तैनात पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई तय करेगा।

 नम्बर खोलेंगे हालात की पोल

फीडबैक के साथ जनता क्षेत्र में थाने के हालात और पुलिसकर्मियों के व्यवहार के नम्बर भी देगी। रेटिंग में एक नम्बर देकर जनता अपना असंतोष जाहिर कर सकेगीजबकि दो नम्बर महज संतोषजनक हालात के लिए होगा। तीसरा और चौथा नम्बर अच्छे और बहुत अच्छे कामकाज के लिए तय किया गया है। साथ हीएक्सीलेंट वर्क के लिए पांच नम्बर देकर थाने में तैनात स्टाफ की पीठ भी थपथपा सकते हैं।

पहले चेतावनी फिर कार्रवाई

मासिक रिपोर्ट के आधार पर जिन थानों की रेटिंग खराब होगीवहां के स्टाफ को पहले कार्यप्रणाली सुधारने की चेतावनी दी जाएगीलेकिन इसके बाद भी फीडबैक में कोई सुधार नहीं होता तो उनके खिलाफ लाइन में भेजने से लेकर निलम्बित करने तक की कार्रवाई की जाएगी। बड़ी बात यह है कि थानेवार फीडबैक या रेटिंग देने वाले को खाकी से डरने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं हैक्योंकि पुलिस मुख्यालय ने इस पूरी प्रक्रिया को गोपनीय रखा है। मुख्यालय में तैनात अफसर किसी भी सूरत में संबंधित जिले या थाने की पुलिस का फीडबैक देने वाले की शिनाख्त नहीं कर सकेंगे।

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