बीकानेर Abhayindia.com बीकानेर के समाजसेवी एवं शिवभक्त स्वर्गीय राधेश्याम व्यास “जय भूतनाथ” की 12वीं पुण्यतिथि के अवसर पर बुधवार को अपना घर आश्रम में प्रभुजनों को भोजन कराया गया। गो सेवा मात सेवा ग्रुप के माध्यम से गायों की सेवा की गई। सदैव अन्नपूर्णा संस्था के माध्यम से असहाय व जरूरतमंदों को भोजन वितरण किया गया। विजयाप्रेमियों के लिए भी हर साल की भांति प्रसादी का आयोजन किया गया। “जय भूतनाथ” के पुत्र भरत व्यास “लालू” ने बताया कि साल भर के दौरान कई प्रकार के कार्यक्रम उनके पिता “जय भूतनाथ” की जीवन शैली में समाहित थे। उनके बताए कार्यों का क्रियान्वयन निरंतर करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में हर साल 21 जून को पुण्यतिथि के अवसर पर अपनाघर आश्रम में पूरे दिन हमें माधव सेवा करने का अवसर मिल रहा है। इस पुण्यार्थ काम के लिए हम परम पिता परमेश्वर और आश्रम के संचालकों का अंतर्मन से आभार व्यक्त करते हैं।
व्यास ने बताया कि “जय भूतनाथ” के असीम आशीर्वाद से ही शिवरात्रि श्रावण मास और श्रावण मास के दौरान श्रावण मास में आने वाली द्वितीया तिथि पर जगत सेठ द्वारिका नाथ के मंदिर में वर्ष 2010 से शुरू 100 साल की ध्वजा का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। ये कार्यक्रम आज भी भगवत कृपा से भूतनाथ की अनन्य भक्ति के फल स्वरूप निरंतर चल रहा है।
व्यास ने बताया कि “जय भूतनाथ” के बोले हुए हौसला बढाने वाले कथन आज भी बीकानेरवालों की जुबां पर चढे हुए हैं। इसकी एक बानगी वे बताते हैं– “जब तुझसे न सुलझे तेरे उलझे धंधे द्वारिकाधीश के इंसाफ पर सब छोड़ दे बंदे”, “खुद ही तेरी मुश्किल वो आसान करेगा, जो तू न कर पाया वो द्वारिका नाथ करेगा।” ऐसे अनगिनत कथनों के लिए “जय भूतनाथ” खूब मशहूर हुए। जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले “जय भूतनाथ” का निधन राजस्थान के बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी में उनके मनवांछित स्थल आलम जी का धोरा के महादेव मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम के दौरान उस महाउत्सव के महापूर्ण होने के बाद बीकानेर के लिए रवाना होते वक़्त हरि इच्छा से हुआ।
व्यास ने बताया कि उनकी इसी प्रेरणा से आज भी मैं और पूरा अबोहर फाजिल्का रोड लाईस परिवार जय भूतनाथ सेवा संस्थान ट्रस्ट परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। बाबा भूतनाथ की ओर द्वारिका नाथ की कृपा AFRL के सभी कर्मचारियों के परिवार जनों पर मुझ पर और मेरे परिवार जनों पर सदैव बनी रहें।