बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। राज्य सरकार प्रदेश में खाद्य वस्तुओं में सख्ती से मिलावट रोकने के लिए जल्द ही बड़ा कदम उठाने जा रही है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की माने तो विभाग भ्रूण परीक्षण की सूचना देने वालों को मुखबिर योजना के तहत जिस तरह से दो लाख तक की इनामी राशि देती है उसी तर्ज पर अब मिलावट की सूचना देने वालों को भी इनामी राशि मिल सकती है। प्रदेश में मिलावट के बढ़ते कारोबार पर शिकंजा कसने के लिए स्वास्थ्य विभाग इसकी तैयारी कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार जल्द ही इस योजना को राज्य सरकार मंजूरी दे सकते हैं।
जानकारी में रहे खाद्य पदार्थों की मिलावटखोरी के मामले में बीकानेर को पश्चिम राजस्थान की सबसे बड़ी मंडी कहा जाता है। यहां घी–दूध से लेकर मावा, तेल, मिर्च मसालों में बड़े स्तर पर मिलावटखोरी होती है। स्वास्थ्य विभाग में फूड सेफ्टी एंड स्टैण्डर्ड एक्ट की पालना में लगे अफसरों की मानें तो बीकानेर में मिलावट का कारोबार बड़े स्तर पर चल रहा है, लेकिन विभाग के अफसरों को इसकी जानकारी नहीं मिलती। मिलावट माफियओं का बड़ा गिरोह बीकानेर में लंबे अर्से से सक्रिय है। बीकानेर के अलावा राजधानी जयपुर, जोधपुर, अजमेर और उदयपुर में खाद्य पदार्थो में मिलावटखोरी का गढ़ माने जाते है। खबर है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश में मिलावटखोरी पर प्रभावी अंकुश लगाने के मूड है, इसलिए उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को विशेष कार्ययोजना बनाकर मिलावटखोरों पर शिंकजा कसने के निर्देश दिये है।
मुख्यमंत्री के निर्देशों की पालना में विभाग के अफसरों ने मिलावटखोरों की सूचना देने पर इनाम घोषित करने तैयारी की है। फूड सेफ्टी एंड स्टैण्डर्ड एक्ट के तहत मुखबिर योजना के तहत मिलावट की सूचना देने वाले को इनाम दिया जाएगा और उसका नाम गुप्त रखा जाएगा। विभाग के अफसरों की मानें तो स्थानीय लोगों को पता होता है कि मिलावट का कारोबार कहां चल रहा है, लेकिन वे नाम उजागर होने के डर से सूचना नहीं देते है। लेकिन अगर फूड सेफ्टी में अगर यह योजना शुरू होती है तो सूचना देने वाले का नाम पूरी तरह से गुप्त रखा जाएगा।
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