Sunday, November 24, 2024
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वैद्य शर्मा के जन्‍म शताब्‍दी वर्ष में होंगे कई आयोजन, योग भवन का शुभारंभ 20 को

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बीकानेर Abhayindia.com राजस्थान प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र गंगाशहर बीकानेर के तत्वावधान में कर्मयोगी मनीषी वैद्य महावीर प्रसाद शर्मा का जन्म शताब्दी वर्ष विभिन्न आयोजनों के साथ मनाया जाएगा। 20 जून से आरंभ हो रहे शताब्दी वर्ष की के पहले ही दिन चिकित्सा केंद्र गंगा शहर में सांसद कोटे से निर्मित योग भवन का उद्घाटन होगा। सुबह 10:30 बजे आयोजित होने वाले समारोह की अध्यक्षता स्वामी विमर्श आनंद गिरी महाराज करेंगे। मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल होंगे। विशिष्ट अतिथि के रुप में राज्यसभा सांसद डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा और राजेंद्र गहलोत होंगे स्वागत भाजपा जिलाध्यक्ष विजय कुमार आचार्य करेंगे। इस संबंध में केंद्र में आयोजित प्रेस वार्ता में चिकित्सा केंद्र के मंत्री बनवारी लाल शर्मा ने जन्म शताब्दी वर्ष के तय किए गए आयोजनों की जानकारी दी।

अध्यक्ष वेद प्रकाश चतुर्वेदी ने राजस्थान प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र की स्थापना से अब तक के उल्लेखनीय कार्यों को रेखांकित करते हुए बताया कि यह राजस्थान का पहला प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र है जो 1951 में यहां स्थापित हुआ। यह केंद्र विशुद्ध रूप से सेवा भाव से कार्य करता है और किसी प्रकार की सरकारी सहायता पर निर्भर नहीं है।

चिकित्सा अधिकारी डॉ वत्सला गुप्ता ने मिट्टी से प्राकृतिक चिकित्सक सहित इस केंद्र में उपलब्ध करवाई जा रही विभिन्न व्याधियों के निवारण के लिए उपलब्ध चिकित्सा सेवाओं के बारे में जानकारी दी। डॉ गुप्ता ने बताया कि विशेष रुप से बीपी और शुगर से पीड़ित लोगों को विशेष औषधि नाम मात्र लागत पर उपलब्ध कराई जाती है और इससे बड़ी संख्या में लोग लाभान्वित हुए हैं। प्रेसवार्ता में उपाध्यक्ष श्रीभगवान अग्रवाल और चिकित्सा केंद्र के विधि परामर्श मंडल के एडवोकेट तेजकरण गहलोत मौजूद थे।

महर्षि अरविंद की साधना स्थली पाण्डेचरी से कर्म योग की प्रेरणा लेकर कोलायत तपोस्थली पर तपस्या के पश्चात् स्व. डॉ. देवेन्द्र दत शर्मा ने प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति की असीम प्रच्छिन्न शक्ति से सर्व साधारण को परिचित कराते हुए पीड़ित मानवों को रोग मुक्त करवाने एवं जनजन में स्वास्थ्य, सुखी दिव्य जीवन की प्रेरणा जगाने के पावन उद्देश्य को लेकर राजस्थान में प्रथम प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र की स्थापना सन् 1951 में की थी, जिसे प्रथम प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र का गौरव प्राप्त है।

सन् 1970 में स्व. वैद्य महावीर प्रसाद शर्मा अपने इलाज के लिए देवेन्द्र दत्‍त के पास आए। देवेन्द्र दत उनके सेवा व समर्पण भाव को देखकर प्रभावित हो गए और उन्हें यही सेवा करने के लिए प्रेरित किया और अपना उतराधिकारी चयन कर सन् 1971 में इस संसार को कहते हुए देवलोक को गमन कर गए। इनके पश्चात् वैद्यजी उनके अधूरे स्वपन को पूरा करने का संकल्प लेकर इस प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र के माध्यम से एक आश्रम की भांति ऋषि रूप में रहते हुए पीड़ित मानवों की सेवा में अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया जो चिकित्सा विज्ञान एवं आयुर्वेद तथा योग के जानकर एवं निस्वार्थ वैद्य थे जिन्होंने इस 5.25 बीघा में फैले हुए केन्द्र को विकसित एवं रूग्ण व्यक्तियों की सेवा में कीर्तिमान स्थापित किया जो केन्द्र के प्रारंभिक काल से ही संरक्षक रहे जिनका जन्म 20 जून 1924 को हुआ उन्होंने राजस्थान प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र, गंगाशहर के अधिष्ठाता व मुख्य चिकित्सक की सेवा के रूप में रहकर बीकानेर ही नहीं अपितु पूरे देशभरी में केन्द्र की पहचान बनाकर सेवा प्रकल्प का परचम लहराया।

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