अभय इंडिया डेस्क.
मकर संक्रांति आगामी 14 जनवरी को मनाई जाएगी। संक्रांति के पुण्यकाल का दोपहर दो बजे से शाम 5.40 बजे तक रहेगा। यह पुण्यकाल स्नान, दान, मंत्र, जप व अन्य धार्मिक कार्यों के लिए विशेष महत्वपूर्ण है। इसमें भी महापुण्यकाल का समय बहुत सीमित है। महापुण्य काल का समय दोपहर दो बजे से 2.24 बजे तक ही रहेगा।
यह होता है अर्थ : मकर संक्रांति के अवसर पर हमें जरूर जान लेना चाहिए कि इसका शाब्दिक अर्थ क्या होता है। ‘मकर’ शब्द ‘मकर राशि’ को इंगित करता है, जबकि ‘संक्रांति’ का अर्थ होता संक्रमण अर्थात् ‘प्रवेश करना’ है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। एक राशि को छोड़कर दूसरे में प्रवेश करने की इस क्रिया को ही संक्रांति कहा जाता हैं। चूंकि सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है इसलिए इस समय को मकर संक्रांति कहा जाता है। हिन्दू महीने के अनुसार पौष शुक्ल पक्ष में यह पर्व मनाया जाता है।
मकर संक्रांति पर सूर्य के राशि परिवर्तन का बारह राशियों पर ये रहेगा असर :-
मेष : मान-प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी होगी तथा लाभ के भी अवसर मिलेंगे।
वृष : विवाद और मानसिक कष्ट की संभावना बनेगी।
मिथुन : न्यायिक ममालों में तकलीफ और धन का अपव्यय हो सकता है।
कर्क : दांपत्य संबंधों में विवाद और मान हानि हो सकती है।
सिंह : रोगों से राहत मिलेगी व शत्रुओं पर विजय प्राप्ति हो सकेगी।
कन्या : उच्च अधिकारियों से तनाव मिलेगा, संभल कर यात्रा करने की आवश्यकता है।
तुला : जमीन-जायदाद संबंधी मामलों में सर्तकता रखनी होगी।
वृश्चिक : आय में बढ़ोतरी होगी, नए अवसर भी मिलेंगे।
धनु : धन की हानि होने और सिर, आंखों में पीड़ा की संभावना।
मकर : यश में बढ़ोतरी होगी। लाभ के अवसर आएंगे।
कुंभ : यश-प्रतिष्ठा बढ़ेगी। यात्रा-मनोरंजन के योग हैं। धन प्राप्ति के अवसर।
मीन : धन, पदोन्नति और मान-सम्मान के अवसर मिलेंगे।