बीकानेर abhayindia.com वैश्विक स्तर पर फैली कोरोना महामारी के डर से बीकानेर में क्राइम भी लॉकडाउन (Lockdown) हो गया है। शहर की कॉलोनियों से लेकर गावों की गलियों तक में पुलिस के मुस्तैद होने से अपराधों का ग्राफ शेयर मार्केट की मानिंद धड़ाम से आ गिरा है।
पुलिस के आंकड़ों पर गौर करें तो प्रधानमंत्री के आव्हान पर 22 मार्च को हुए जनता कफ्र्यू से लेकर मार्च माह के अंतिम दिन तक 11 दिन की अवधि में जिलेभर के पुलिस थानों में गिनती के ही मुकदमें दर्ज हुए है, इनमें कोई भी मामला संगीन अपराध से संबंधित नहीं है। जबकि जिले में इस की शुरूआत से थानों में मुकदमें दर्ज होने का ग्राफ लगातार बढ रहा था। आये दिन हो रही लूट, हत्या, बलात्कार और साइबर क्राइम की वारदातों ने पुलिस को चक्करघिन्नी बना रखा था।
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आम दिनों में अपराधों की लम्बी होती फेहरिस्त के कारण बीकानेर लगातार सुर्खियों में बना रहता है। लेकिन जब से कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जनता कफ्र्यू और लॉक डाउन के रूप में सडक़ों पर पुलिस की मुस्तैदी बढ़ी है, तब से अपराधी भी छिप गए हैं। हर जगह पुलिस की तैनाती देख अपराधी वारदात को अंजाम देने बाहर ही नहीं निकल रहे हैं। इससे चोरी, लूट, डकैती, हत्या, अपहरण, बलात्कार, मादक पदार्थों और शराब तस्करी जैसे अपराधों पर लगाम सी लग गई है। कोरोना के संक्रमण काल में यह क्षेत्रवासियों के लिए राहत देने वाली खबर है।
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कई थानों में शून्य चल रहा आंकड़ा
लॉकडाउन के बाद जिला पुलिस के दर्जनभर ऐसे थाने है जहां मुकदमें दर्ज होने का आंकड़ा शून्य पर अटका हुआ है, हालांकि लॉकडाउन से पहले इन थानों में लगातार केस दर्ज हो रहे थे। इसी तरह शहर में दुपहिया वाहन चोरी की वारदातें काफी अधिक होती हैं। रोजाना शहर से औसतन पांच-छह बाइक चोरी होती हैं, लेकिन कोरोना के संक्रमण के कारण चल रहे लॉकडाउन में वाहन चोरी पूरी तरह से रुक गई है। पिछले 10 दिनों शहर से एक भी बाइक चोरी नहीं हुई है। इसके अलावा सर्किल के अन्य थानों में भी दुपहिया और चौपहिया वाहनों की चोरी की वारदातों घटित नहीं हुई है।