नई दिल्ली। देश में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच अब उपवास और अनशन की राजनीति शुरू हो गई है। अब तक तो दोनों पक्षों में शोर-शराबे और आरोप-प्रत्यारोप के दौर ही चल रहे थे। अब यह बात उपवास और अनशन तक पहुंच गई है। जहां एक दिन पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी के नेताओं ने दलित और अल्पसंख्यक मुद्दों पर सरकार के विरुद्ध उपवास किया था, वहीं अब गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष के अलोकतांत्रिक रवैए के खिलाफ उपवास करेंगे। पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी के सांसद और नेता भी अनशन पर बैठेंगे। इस बीच पार्टी अध्यक्ष अमित शाह चुनावों के मद्देनजर कर्नाटक के हुबली में कांग्रेस को घेरेंगे।
बताया जाता है कि हालांकि गुरुवार को भाजपा सांसदों व नेताओं का अनशन पहले से ही निर्धारित था, पर अब खुद प्रधानमंत्री की ओर से रखे जाने वाले उपवास का महत्व कुछ खास हो गया है। असल में नैतिक आधार और गांधीवादी सिद्धांतों पर भी कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया जाएगा। कांग्रेस के उपवास को लेकर उड़ी खिल्ली के बाद भाजपा अब उपवास की असली ताकत दिखाना चाहती है। बताते हैं कि प्रधानमंत्री पूरे दिन का उपवास रखते हुए अपना सरकारी कामकाज निपटाते रहेंगे, जबकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह उस दिन कर्नाटक के हुबली में धरना देंगे। तय कार्यक्रम के अनुसार भाजपा के सांसद भी अपने अपने क्षेत्रों में अनशन के जरिए यह बताएंगे कि कांग्रेस और विपक्ष ने किस तरह संसद को बंधक बना लिया था और बजट सत्र के दूसरे भाग में कोई कामकाज नहीं होने दिया।
भाजपा ने दलित उत्पीडऩ के मुद्दे पर कांग्रेस के हमले के धार को कुंद करने की भी रणनीति तैयार कर ली है। इसके तहत 11 अप्रैल को ज्योतिबा फुले जयंती मनाया जाएगा वहीं खुद प्रधानमंत्री वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भाजपा नेताओं से बात करेंगे। बाबा साहब भीम राव अंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल से लेकर पांच मई तक भाजपा के सभी सांसद व मंत्री दलित बहुल गांवों में प्रवास करेंगे।
उपवास पर उपहास
सोमवार को उपवास पर बैठे राहुल गांधी की पार्टी नेताओं ने ही किरकिरी करा दी। दिल्ली में राजघाट पर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में उपवास का मुख्य कार्यक्रम था। लेकिन इससे पहले राजधानी के बड़े कांग्रेसी नेताओं के एक रेस्तरां में छोले-भटूरे खाते हुए फोटो वायरल हो गए। उपवास पर बैठने से पहले कांग्रेस नेता अजय माकन, हारून यूसुफ और अरविंदर सिंह लवली व अन्य ने एक रेस्तरां में छोले-भटूरे के मजे लिए। फोटो सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो लवली को सफाई देनी पड़ गई। इससे और किरकिरी हो गई। लवली ने कहाए फोटो सुबह आठ बजे की है। पार्टी ने सांकेतिक उपवास के लिए साढ़े दस से शाम साढ़े चार बजे तक का वक्त तय किया था। यह कोई अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल नहीं थी।