Monday, November 25, 2024
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जोशी की कविताओं में जन साधारण की आवाज़ : चौधरी

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नई दिल्ली। प्रतिष्ठित कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी के हिन्दी कविता संग्रह ‘एक रात धूप में’ के अंग्रेजी अनुवाद की पुस्तक ‘ए नाइट इन सनलाइट’ का लोकार्पण सोमवार को नई दिल्ली स्थित भारतीय प्रौढ़ शिक्षा संघ के सभागार में किया गया। इस पुस्तक का अनुवाद जानी-मानी कवयित्री एवं अनुवादिका रजनी छाबड़ा द्वारा किया गया। लोकार्पण समारोह के मुख्य अतिथि भारतीय प्रौढ़ शिक्षा संघ के अध्यक्ष कैलाश चौधरी थे तथा अध्यक्षता शिक्षाविद् और राजस्थान विद्यापीठ उदयपुर के चांसलर भवानी शंकर गर्ग ने की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि लखनऊ के शिक्षाविद् डॉ. मदन सिंह थे।

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इस अवसर पर मुख्य अतिथि चौधरी ने कहा कि राजेन्द्र जोशी की कविताएं समाज को जोडऩे का काम करती है। उन्होंने कहा कि राजेन्द्र जोशी की कविताओं में जन साधारण की आवाज़ सुनायी देती है। वे अपनी कविताओं में किसी विचारधारा विशेष से प्रभावित नहीं, वरन मनुष्य और मनुष्यता के पक्ष में सबलता से खड़े दिखाई देते हैं, इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर राजेन्द्र जोशी सबसे महत्वपूर्ण और जरूरी कवि हैं। चौधरी ने कहा कि राजेन्द्र जोशी की कविताओं का कवयित्री रजनी छाबड़ा ने इन कविताओं का अंग्रेजी में ऐसा प्रभावी अनुवाद किया कि पाठक को पढ़ते हुए मूल अंग्रेजी कविता-सा आस्वाद मिलेगा।

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उन्होंने कहा कि अंग्रेजी के पाठक भी राजेन्द्र जोशी की मनुष्यता को पहचान सकेंगे। उन्होंने अनुवादिका रजनी को बधाई दी और उनसे राजेन्द्र जोशी की अन्य हिन्दी-राजस्थानी की रचनाओं को भी अनुवाद के जरिये अंग्रेजी पाठकों तक पहुंचाने की अपेक्षा की।

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जोशी समानांतर लेखन के धनी : गर्ग

समारोह अध्यक्ष गर्ग ने कहा कि राजेन्द्र जोशी का रचना संसार बहुत व्यापक है। जोशी की कविताओं में पीडि़त, शोषित वर्ग के साथ समाज के सबसे अन्तिम स्थान पर खड़ा व्यक्ति भी मुखरित होता है। गर्ग ने बताया कि राजेन्द्र जोशी हिन्दी-राजस्थानी दोनों भाषाओं में समानांतर लेखन करते है। जोशी की कविताओं में पर्यावरण प्रेम के साथ प्रेमए मानवता और संस्कृति की सौंधी महक है और इस अनुवादित कृति के मार्फत अब अंग्रेजी के पाठक भी इस महक से सराबोर होंगे।

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अनछुए दृश्यों से रूबरू कराते हैं जोशी : सिंह

विशिष्ट अतिथि डॉ. मदन सिंह ने कहा कि राजेन्द्र जोशी अपने व्यापक अनुभव और ग्रामीण क्षेत्र में उल्लेेखनीय एवं विशिष्ट कार्यों और वहां के अनछुए दृश्यों को अपनी काव्य रचनाओं के माध्यम पाठकों को रूबरू करवाते हैं। उनका काव्य संसार विशद और विराट है। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. संजीव कुमार ने भी विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर अनुवादिका और कवयित्री रजनी छाबड़ा ने अनुवाद को परकाया प्रवेश जैसा दुष्कर सृजन बताया और कहा कि कवि राजेन्द्र जोशी की कविताओं की संवेदना को अनुवाद के जरिये अंगेजी पाठकों तक पहुंचाते हुए तृप्ति का अनुभव कर रही हैं। उन्होंने लोकार्पित. अनूदित पुस्तक में से चुनिंदा कविताओं का अंग्रेजी में प्रभावी वाचन किया। कवि राजेन्द्र जोशी ने हिन्दी में अपनी कविताएं सुनाकर श्रोताओं से वाह-वाही बटोरी।

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लोकार्पण समारोह में ये हस्तियां हुई शामिल

वी.मोहन कुमार, कल्पना शर्मा, बी. संजय, आन्ध्र प्रदेश से राजश्री विस्वास बंगाल, एम. एस. र्राणावत मध्य प्रदेश, डॉ. वी. रघु तमिलनाडु, सुरेश खण्डेलवाल महू, सरोज गर्ग उदयपुर, डॉ. आशा वर्मा गुजरात से डॉ. एल राजा, प्रोफेसर राजेश, डॉ. निशात फारूक़, डॉ. एस. वाई. शाह, डॉ. ए. एच. खान, डॉ. देवेन्द्र कुमार वर्मा, हरीश कुमार, वाई. एम. जैमिनी, दिलीप मुखोपाध्य एवं वी. बालासुभर्मनयु सहित देश के विभिन्न प्रांतों से आये हुए साहित्यकार एवं शिक्षाविद उपस्थित थे।

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