अजमेर (अभय इंडिया न्यूज)। अजमेर लोकसभा सीट के लिए होने जा रहे उपचुनाव में इस बार पहली दफा ऐसा मौका है जब ब्राह्मण और जाट प्रत्याशियों के बीच मुख्य मुकाबला होने जा रहा है। इससे पहले ऐसा मुकाबला कभी भी देखने को नहीं मिला।
यहां कांग्रेस ने जहां रघु शर्मा को, वहीं भाजपा ने रामस्वरूप लांबा को मैदान में उतार रखा है। जातीय समीकरणों के लिहाज से यह मुकाबला बहुत ही रोचक बन पड़ा है। वैसे चुनावी समर में इनके अलावा 23 अन्य प्रत्याशी भी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। इनमें आठ मुस्लिम, चार-चार राजपूत और एससी-एसटी, एक गुर्जर प्रत्याशी है। लगभग साढ़े अठारह लाख मतदाता इनके भविष्य का चुनाव करेंगे।
यह हंै जातीय समीकरण
जातीय समीकरणों के लिहाज से भाजपा जहां जाट, सिंधी, महाजन, रावत जातियों के भरोसे अपनी जीत पक्की मान रही हैं, वहीं कांग्रेस ब्राह्मण, राजपूत, मुस्लिम, गुर्जर, एससी-एसटी पर अपना पूरा ध्यान केन्द्रित किए हुए हैं। अजमेर लोकसभा सीट का पिछला इतिहास देखें तो 1952 से लगातार चार बार ब्राह्मण समाज से सांसद रहे। पं. मुकुट बिहारी लाल भार्गव लगातार तीन बार सांसद बने। 1989 से भाजपा के रासासिंह रावत सांसद चुने गए। वे पांच बार सांसद रहे। जाट जाति से वर्ष 2014 में अंतिम सांसद सांवरलाल जाट रहे, उनके सामने गुर्जर जाति से सचिन पायलट थे।
जाट-ब्राह्मण प्रत्याशियों में मुकाबला पहली बार
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