नागौर abhayindia.com प्रदेश में लोकसभा चुनाव-2019 की हॉट सीट में शुमार नागौर सीट को लेकर राजनीतिक गलियारों में उत्सुकता सबसे ज्यादा बनी हुई है। यह सीट आजादी के बाद से ही कांग्रेस का गढ़ रही है। इस बार कांग्रेस के इस गढ़ को ढहाने के लिए भाजपा ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) से गठजोड करते हुए जाट नेता हनुमान बेनीवाल के रूप में चुनौती पेश की है। यह गठजोड़ समीकरण बदलने वाला कहा जा रहा है। आपको बता दें कि नागौर अकेली ऐसी सीट है, जिसे भाजपा ने रालोपा से गठबंधन कर बेनीवाल के लिए छोड़ा है।
बेनीवाल के सामने दिग्गज जाट नेता स्व. नाथूराम मिर्धा की पौत्री कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति मिर्धा ताल ठोक रही है। बेनीवाल की शेखावाटी और मारवाड़ के जाट मतदाताओं पर मजबूत पकड़ के चलते भाजपा ने उनके साथ गठबंधन किया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा की यह रणनीति कितनी सफल होती है। भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री सी.आर. चौधरी का टिकट काटकर हनुमान बेनीवाल के लिए नागौर सीट छोड़ी है।
इस सीट पर कांग्रेस को उम्मीद है कि जाट मतदाताओं के ज्योति मिर्धा और बेनीवाल के बीच बंटने पर मुस्लिम और दलित निर्णायक भूमिका में होंगे। इस कारण कांग्रेस दलित और मुस्लिम मतदाताओं पर विशेष जोर दे रही है। कांग्रेस दलित मतदाताओं पर अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटी है। कांग्रेस की यह कोशिश रहेगी कि मुस्लिम मतदाता अधिक से अधिक मतदान करें, ताकि उसे फायदा हो। इसके लिए नेताओं के साथ ही सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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