Monday, April 21, 2025
Homeराजस्थान“प्रशासन शहरों के संग अभियान” को लेकर सरकारी कवायद तेज, जुलाई तक...

“प्रशासन शहरों के संग अभियान” को लेकर सरकारी कवायद तेज, जुलाई तक कैबिनेट को प्रस्‍ताव…

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

जयपुर Abhayindia.com प्रदेश में “प्रशासन शहरों के संग अभियान” को लेकर राज्‍य सरकार के स्‍तर पर कवायद तेज हो गई है। अभियान के तहत इस बार ऐसे मामलों पर फोकस किया गया है, जिनमें वर्षों से लोगों को पट्टों का इंतजार है। सरकार का का मानना है कि लंबे समय से तकनीकी पेंच में उलझे मामलों में कैबिनेट स्तर पर निर्णय लेकर पट्टा लेने की राह आसान की जाए। इस तरह के सभी मामलों पर नीतिगत निर्णय लेकर जुलाई तक प्रस्ताव कैबिनेट को भेज दिए जाएंगे।

आपको बता दें कि राज्‍य सरकार ने अभियान में स्टेट ग्रांट और पुरानी आबादी के 7 लाख पट्टे देने का लक्ष्य रखा है। वहीं, कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों के 2 लाख, कच्‍ची बस्ती के 50 हजार और अन्य मामलों के 50 हजार पट्टे देने की तैयारी भी अभियान में की जा रही है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय चले “प्रशासन शहरों के संग अभियान” में 3 लाख पट्टे दिए गए थे, लेकिन इस बार अभियान में यह पट्टों का दायरा बढ़ाकर 10 लाख किया गया है। बताया जा रहा है कि वैसे तो अभियान 2 अक्टूबर से शुरू होकर 31 मार्च, 2022 तक चलेगा, लेकिन यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के स्तर पर इसकी अवधि को बढ़ाया जा सकता है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यूडीएच ने तकनीकी पेंच में फंसे कई मामलों में पट्टे देने का लक्ष्य रखा है। इसमें भू—राजस्व अधिनयम की धारा 91 तहत स्वप्रेरणा से कार्रवाई करके पट्टे दिए जाएंगे, जिसमें शहरों की पुरानी बसावट वाला इलाका शामिल है। एक लाख से कम आबादी वाले क्षेत्र जहां जोनल डवलपेमेंट प्लान नहीं है, उनके पट्टे जारी किए जाएंगे। साथ ही एक लाख से ज्यादा आबादी वाले क्षेत्रों में जोनल डवलपेमेंट प्लान के तहत पट्टे दिए जाएंगे।

अभियान में निकायों को 5 हजार करोड़ रुपए की आय होने का अनुमान है। साथ ही ड्रोन सर्वे व अन्य कार्यों के लिए 100 करोड़ सरकार को खर्च करने होंगे।

कोविड-19 की घातक बन रही दूसरी लहर, जनता लॉकडाउन जैसा संयमित व्यवहार करें : मुख्यमंत्री गहलोत

एम.एन. हॉस्पिटल का साहसिक कदम, ओपीडी की सेवा नि:शुल्क

Ad Ad Ad Ad Ad
Ad
- Advertisment -

Most Popular