जयपुर (अभय इंडिया न्यूज)। राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग की ओर से राज्य कर्मचारियों के बीमा तथा जीपीएफ खातों को लेकर आने वाली समस्याओं को दूर करने की कवायद तेज कर दी गई है। अब इनके खातों को डिजीटाइज किया जा रहा है। खाते डिजीटाइज होने से भौतिक रूप से बैग तथा लेजर पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। साथ ही कर्मचारियों के तबादले होने पर भी उनका खाता स्थानान्तरित नहीं करना पड़ेगा।
विभाग के निदेशक आनन्द स्वरूप के मुताबिक डिजिटाइजेशन से राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि के ऋण, आरहण एवं दावों का ऑनलाइन त्वरित निस्तारण हो सकेगा। कर्मचारी से संबंधित सभी दस्तावेज और रिकॉर्ड एसएसओ पोर्टल पर कर्मचारी के ई-बैग में अपलोड किए जाएंगे। राज्य कर्मचारी किसी भी समय इन दस्तावेजों को देख सकेगा तथा प्रिंट ले सकेंगे। निदेशक ने बताया कि जिला कार्यालयों के रिकॉर्ड के डिजीटाइजेशन का काम तीन चरणों में करवाया जा रहा है।
पहले चरण में बीकानेर, दौसा, जयपुर शहर, कोटा, सवाईमाधोपुर, सीकर, अलवर, भीलवाड़ा, चित्तौडग़ढ़, बारां व बूंदी जिले के 1 लाख 20 हजार कर्मचारियों के 27 लाख 65 हजार बीमा एवं जीपीएफ के आवश्यक दस्तावेजों को स्कैन कर संबंधित कर्मचारियों के ई-बैग में अपलोड किया जा चुका है।
दूसरे चरण में सचिवालय, टोंक, भरतपुर, अजमेर, ब्यावर, जोधपुर शहर, जोधपुर ग्रामीण, करौली, डूंगरपुर, राजसमंद तथा धौलपुर के 2 लाख 19 हजार कर्मचारियों के दस्तावेजों को डिजीटाइज करने का काम किया जा रहा है। जबकि तीसरे चरण में जयपुर ग्रामीण, बांसवाड़ा, सिरोही, श्रीगंगानगर, नागौर, जालौर, जैसलमेर, चूरू, पाली, बाड़मेर, हनुमानगढ़, उदयपुर शहर, उदयपुर ग्रामीण तथा प्रतापगढ़ के लगभग 3 लाख 40 हजार कर्मचारियों के दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड किये जाएंगे।
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