








जयपुर Abhayindia.com संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने गुरूवार को विधानसभा में कहा कि प्रत्येक ब्लॉक पर नंदी गौशाला स्थापित करने पर 111 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इसके साथ ही वित्तीय वर्ष में अधिकतम 180 दिवस के लिए गो–वंश के भरण पोषण के लिए भी गोशाआलों में राशि उपलब्ध कराई जाती है। धारीवाल ने प्रश्नकाल में विधायक संयम लोढा के मूल प्रश्न के जवाब में कहा कि यह सही है कि बायोगैस सहभागिता योजना में केवल 20 लाख रुपए ही श्रीगंगानगर में खर्च किए गए है, क्योंकि योजना के तहत दूसरा कोई प्रस्ताव ही प्राप्त नहीं हुआ है।
धारीवाल ने बताया कि योजना की निर्धारित शर्तों के अनुसार आधी राशि स्वयं एवं आधी राशि राज्य सरकार वहन करती है। उन्होंने यह भी बताया कि योजना के तहत गोशालाओं में एक वित्तीय वर्ष में गौवंश के भरण–पोषण के लिए अधिकतम 180 दिन के लिए पैसा दिया जाता है जो दो चरणों में माह अप्रेल एवं सितम्बर में दिया जाता है। उन्होंने बताया कि इस सहायता राशि में बड़े पशु के लिए प्रति पशु 40 रूपए और छोटे पशु के लिए प्रति पशु 20 रुपए दिए जाते है।
धारीवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि गोपालन विभाग से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर राशि उपलब्ध कराई जाती है और अब तक गोपालन विभाग से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर 5 करोड़ रुपए खर्च किए गए है, क्योकि दूसरे कोई प्रस्ताव प्राप्त ही नहीं हुए है। उन्होंने यह भी बताया कि पंजीकृत गौशालाओं में घरेलू विद्युत कनेक्शन भी उपलब्ध कराया जाता है, जिसमें आधी राशि राज्य सरकार वहन करती है।
नगरीय विकास मंत्री ने बताया कि सेस के रूप में प्राप्त राशि गौशालाओं के आधारभूत संरचना एवं गोवंश के भरण–पोषण, बायोगैस संयत्र लगाने एवं गोवंश के संरक्षण व संर्वधन के साथ गौशालाओं को स्वावलम्बी बनाने पर खर्च की जाती है। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा वर्ष 2018 में मदिरा पर 20 प्रतिशत लगाई गई सेस राशि आज गौशालाओं में पशुओं के चारा पर खर्च की जा रही है।





