जयपुर (अभय इंडिया न्यूज)। राजस्थान एटीएस ने फर्जी हथियार लाइसेंस मामले में 38 लोगों के खिलाफ जयपुर महानगर मजिस्ट्रेट कोर्ट में चालान पेश किया है। इसमें हथियार खरीद-फरोख्त से जुड़े सभी पहलुओं का उल्लेख है। मामले में जम्मू-कश्मीर में कैडर के एक आईएएस अधिकारी राजीव रंजन की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। रंजन के भाई ज्योति रंजन को पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है।
एटीएस और एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक उमेश मिश्रा के हवाले से आई जानकारी के मुताबिक जम्मू-कश्मीर से फर्जी लाइसेंस बनवाकर हथियारों की खरीद-फरोख्त मामले में जयपुर के एसओजी थाने में दर्ज मामले में हुई जांच में अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश हुआ। यह गिरोह राजस्थान सहित अन्य राज्यों के लोगों के फर्जी हथियार लाइसेंस बनवाता था। गिरोह के सदस्य जिन लोगों के लाइसेंस बनवाता था, उनका जम्मू-कश्मीर में पता फर्जी बताता था। एटीएस ने इस मामले में गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों के कब्जे से 1188 लाइसेंस और 66 हथियार बरामद किए थे।
फर्जी हथियार लाइसेंस प्रकरण में मुख्य अभियुक्त अजमेर निवासी मोहम्मद जुबेर को माना गया। उसके साथ राहुल ग्रोवर, विशाल आहूजा, मोहम्मद जफर, सुनील शर्मा, दीपक गुलाटी और ज्योति रंजन सहित 55 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें से 38 के खिलाफ बुधवार को आरोप पत्र पेश किया गया, जबकि अन्य अभियुक्तों के खिलाफ साक्ष्य संकलन के लिए प्रकरण धारा 173 (8) के तहत लंबित रखा गया है। बता दें बीते वर्ष फर्जी हथियार लाइसेंस मामले में आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 474,120बी के तहत मामला दर्ज किया गया था।
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