Sunday, September 8, 2024
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आईआईटी की तर्ज पर होगा अजमेर, बीकानेर व भरतपुर के इंजीनियरिंग कॉलेजों का विकास, 10 नए कॉलेज खुलेंगे

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जयपुर Abhayindia.com उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेम चन्द बैरवा ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि विद्यार्थियों को सभी प्रकार की भौतिक एवं आर्थिक सुविधाएं उपलब्ध करवाकर उनके शिक्षा प्राप्ति के मार्ग की सभी बाधाएं दूर की जाए। गुणवत्ता के मामले में हमारी सरकार किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगी। इसके लिए राज्य सरकार सुविधाविहीन महाविद्यालयों को सुधारने के साथ नए कॉलेज खोलने का कार्य कर रही है।

डॉ. प्रेम चन्द बैरवा शनिवार को विधान सभा में मांग संख्या-22 (उच्च शिक्षा विभाग) एवं मांग संख्या-24 (तकनीकी शिक्षा विभाग) की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने उच्च शिक्षा विभाग की 27 अरब 41 करोड़ 32 लाख 53 हजार रूपये एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की 4 अरब 71 करोड़ 16 लाख 33 हजार रूपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का सकल नामांकन अनुपात राष्ट्रीय सकल नामांकन अनुपात से अधिक है। प्रदेश का सकल नामांकन अनुपात 28.6 फीसदी है, जबकि यह राष्ट्रीय स्तर पर 28.4 प्रतिशत है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य उच्च शिक्षा क्षेत्र में सकल नामांकन अनुपात 2035 तक 50 प्रतिशत करना है।

डॉ. बैरवा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार संख्या पर नहीं अपितु गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर विश्वास रखती है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने अपने कार्यकाल में सुविधाविहिन 4 विधि महाविद्यालय एवं 39 कृषि महाविद्यालय के साथ कुल 345 राजकीय महाविद्यालय प्रारम्भ किये। इनमें से 42 महाविद्यालय नियमित राजकीय महाविद्यालय है। परन्तु शेष सभी 303 महाविद्यालय राजसेस नामक एक सोसायटी के अन्तर्गत खोले गये।

इस राजसेस सोसायटी का गठन ही 11 जुलाई, 2022 को किया गया, जिसके अन्तर्गत मानव संसाधन उपलब्ध कराने के नियम विधानसभा आम चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता जारी होने के एक दिन पूर्व 8 अक्टूबर, 2023 को जारी किये गये। गत सरकार ने इन महाविद्यालयों में राजसेस सोसायटी के माध्यम से एक भी मानव संसाधन उपलब्ध नहीं करवाया।

उन्होंने कहा कि इन महाविद्यालयों में से केवल 40 कॉलेज ही अपने भवन में संचालित है और 263 कॉलेज अभी अस्थाई भवनों में चल रहे है। उन्होंने कहा कि इन राजसेस महाविद्यालयों की समस्याओं को देखते हुए हमारी सरकार ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। यह समिति इन महाविद्यालयों की वस्तुस्थिति की समीक्षा करके इन कॉलेजो में गुणात्मक एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधान के अनुसार महाविद्यालय संचालन के लिए अपनी अनुशंषाएं प्रस्तुत करेंगी। समिति की अनुशंषाओं के अनुसार राज्य सरकार इन महाविद्यालयों के लिए गुणात्मक शिक्षण की व्यवस्था करेगी।

डॉ. बैरवा ने कहा कि हमारी सरकार भी नये महाविद्यालय खोलने की पक्षधर है। वर्तमान बजट में 14 सह शिक्षा महाविद्यालय, 10 कन्या महाविद्यालय, 3 कृषि महाविद्यालय को मिलाकर कुल 27 नये महाविद्यालय खोलने की घोषणा की गयी है। इन महाविद्यालय को वर्तमान सत्र से शुरू करने के लिए प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गयी है। साथ ही, 25 महाविद्यालयों में नये विषय, संकाय खोले जाने तथा 10 यूजी महाविद्यालयों को पीजी में क्रमोन्नत किये जाने की घोषणा की गई है। विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में भवनों के निर्माण, उन्नयन और मरम्मत के लिए 125 करोड़ तथा स्मार्ट क्लास रूम और आईसीटी लैब के लिए 45 करोड़ बजट में प्रस्तावित किये गये है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ रोजगार के सुनहरे स्वप्न को साकार करने के लिए कौशल विकास पाठ्यक्रमों पर विशेष ध्यान दे रही है। बजट में सभी जिला मुख्यालयों पर कम्प्यूटर विषय, बैचलर आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीसीए), सभी संभाग मुख्यालयों पर मास्टर आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए), बैचलर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन (बीबीए) तथा चरणबद्ध रूप से मास्टर आफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए) जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रम प्रारम्भ करने के लिए घोषणा की गई है। इन पाठ्यक्रमों को महाविद्यालयों में इसी सत्र से प्रारम्भ करने के लिए प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है। साथ ही, जिला स्तर पर फॉरेन लेग्वेज कम्यूनिकेशन स्किल स्किम प्रारम्भ की जाएगी, जिसमें फ्रेंच, जर्मन, स्पेनीश, जापानीज, ईटालियन एवं रशियन भाषाएं सीखाकर विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट कोर्स प्रदान किये जाएंगे। हमारा प्रयास है कि इन व्यावसायिक पाठ्यक्रम में अध्ययन करने के पश्चात् विद्यार्थी रोजगार आसानी से प्राप्त कर सकें।

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि राजकीय महाविद्यालयों में लगभग 2500 पद रिक्त है, जिनके विरूद्ध 1936 पदों को भरने के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा भर्ती परीक्षा आयोजित कर ली गयी है। आगामी 3 माह में चयनित सहायक आचार्य उपलब्ध हो जायेंगे, जिससे अधिकांश पद भर दिये जायेगे। शिक्षण कार्य सुचारू रूप से चलाने के लिये नवीन सत्र प्रारम्भ होने से पूर्व ही विद्या संबल योजना अन्तर्गत अतिथि शिक्षकों को लगाये जाने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गयी थी। लगभग 100 से अधिक अतिथि व्याख्याताओं ने महाविद्यालयों में शिक्षण कार्य करवाना प्रारम्भ कर दिया है। शीघ्र ही सभी महाविद्यालयों में शिक्षण कार्य प्रारम्भ हो जायेगा, जबकि पिछले वर्षों में यह प्रक्रिया अगस्त-सितम्बर से प्रारंभ होती थी।

उन्होंने कहा कि शिक्षकों की भर्ती के साथ-साथ राजकीय महाविद्यालयों में पुस्तकालय अध्यक्ष एवं शारीरिक शिक्षकों के 247-247 पदों पर भर्ती के लिये राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा लिखित परीक्षा का आयोजन किया जा चुका है। इन पदों पर भी आगामी 3 माह में हमें पुस्तकालय अध्यक्ष एवं शारीरिक शिक्षक उपलब्ध हो जायेंगे।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कालीबाई भील मेधावी एवं देवनारायण छात्रा स्कूटी वितरण योजना में विगत वर्षों में छात्राओं को स्कूटियां समय पर नहीं देने से छात्राओं को आवागमन में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा है। हमारी सरकार बनने के बाद 100 दिवसीय कार्ययोजना में वर्ष 2021-22, 2022-23 की 10 हजार 152 स्कूटियों का वितरण कर छात्राओं को लाभान्वित किया गया। विगत 3 वर्षों की शेष स्कूटियों का वितरण शीघ्र करने के निर्देश जारी कर दिये गये है। छात्राओं को पेट्रोल के खर्चे से मुक्ति दिलाने के लिए अब सरकार द्वारा इन योजनाओं में इलेक्ट्रिक स्कूटियों का वितरण किया जाएगा और चयन वर्ष में ही स्कूटियों का वितरण समय पर कर दिया जाएगा।

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि आईआईटी की तर्ज पर अजमेर, बीकानेर एवं भरतपुर के राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालयों का उन्नयन कर राजस्थान प्रौद्योगिकी संस्थान में परिवर्तित किया जाएगा। यह राज्य की तकनीकी शिक्षा के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक संस्थान को 100 करोड़ की राशि का आवंटन किया गया है।

उन्होंने बताया कि तकनीकी शिक्षा में बालिकाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए पॉलिटेक्निक एवं अभियांत्रिकी संस्थानों में बालिकाओं के प्रवेश में तीस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया गया है। पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों मे अध्ययन करने वाली बालिकाओं को उच्च शिक्षा विभाग की तर्ज पर मेरिट के आधार पर 500 इलेक्ट्रिक स्कूटियों का वितरण किया जाएगा। बालिकाओं के लिए प्रत्येक तकनीकी संस्थान में अलग से पिंक टॉयलेट का निर्माण भी करवाया जा रहा है।

डॉ. बैरवा ने बताया कि बजट में 10 राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय खोलने की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का संकल्प है कि विद्यार्थियों को वर्तमान तकनीक और उद्योगों की मांग के अनुरूप तैयार कर राजस्थान के विकास में उनकी भागीदारी बढ़ायेंगे। राज्य सरकार ने 220 तकनीशियनों की भर्ती की अर्थना राजस्थान अधीनस्थ सेवा बोर्ड को भेज दी है।

उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षण संस्थानों को कार्बन फ्री करने हेतु वृहद स्तर पर वृक्षारोपण, वर्षा जल संचयन वथा सोलर उर्जा के उपयोग के लिए कार्ययोजना बनाई गयी है, जिसे इसी सत्र से लागू किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा संचालित सेंटर फॉर इलेक्ट्रॉनिक गवर्नेस, जयपुर द्वारा छात्रों को रोबोटिक्स, 3-D प्रिंटिंग, डाटा एनालिटिक्स, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग एवं पाइथन प्रोग्रामिंग जैसे उच्च गुणवत्ता के रोजगारपरक पाठ्यक्रमों का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

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