जयपुर (अभय इंडिया न्यूज)। राजस्थान सरकार ने भी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर किसानों के कर्ज माफी की घोषणा कर दी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसकी घोषणा बुधवार शाम को कर दी। घोषणा के अनुसार प्रदेश में सहकारी और राष्ट्रीयकृत बैंकों के दो लाख रुपए तक के कर्ज माफ होंगे। ये कर्ज सितम्बर 2018 तक बकाया लोन में से माफ होंगे।
आपको बता दें कि राज्य सरकार ने बुधवार सुबह ही बैंकों से बकाया कर्ज की जानकारी मांगी थी। सहकारी और राष्ट्रीयकृत बैंकों से मार्च 2018 तथा सितम्बर 2018 तक के सभी तरह के कर्ज और उनकी ओवरड्यू तथा आउट स्टेंडिंग की जानकारी मांगी थी। इसके बाद खुद मुख्यमंत्री ने बुधवार दोपहर में अधिकारियों की बैठक ली। बैठक के बाद शाम को कर्ज माफी की घोषणा की गई।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कर्ज माफी में 18 हजार करोड़ का भार पड़ेगा। इसमें सहकारी व राष्ट्रीयकृत बैंक के अल्पकालीन ऋण शामिल होंगे। सहकारी बैंक के सभी अल्पकालीन कर्ज माफ होंगे। इसके अलावा राष्ट्रीयकृत बैंक का कर्ज नहीं चुकाने वाले डिफाल्टरों के कर्ज माफ होंगे। 18 हजार करोड़ में भाजपा सरकार के समय माफ किए गए छह हजार करोड़ रुपए भी शामिल है। उस समय सरकार ने आठ हजार करोड़ रुपए माफ करने की घोषणा करने के बाद बजट मात्र दो हजार करोड़ रुपए दिए थे।
सहकारी बैंक फसल के लिए कर्ज एक साल के लिए देते हैं, इस पर किसान से ब्याज नहीं लिया जाता। एक साल की अवधि में जमा नहीं कराने पर ब्याज वसूला जाता है। कर्ज माफी में ये सभी कर्ज शामिल किए गए हैं। इसी तरह राष्ट्रीयकृत बैंक भी एक साल के लिए फसली कर्ज देते हैं। इसके बदले किसान से चार प्रतिशत ब्याज वसूल किया जाता है।
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