








मुकेश पूनिया/बीकानेर abhayindia.com शराबखोरी पर लगाम कसने के लिये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा रात आठ बजे बाद शराब की बिक्री पर पांबदी के लिये सख्ताई का असर बीकानेर में बिलकुल ही नजर नहीं आ रहा है। मजे कि बात तो यह है कि जिले में केवल शराब की दुकानों ही नहीं, बल्कि भांग की दुकानें भी रात आठ बजे बाद तक खुली रहती है। इस ओर भी प्रशासन का ध्यान नहीं जा रहा है।
हैरत की बात तो यह है कि शराब ठेको पर रात आठ बजे बाद शराब बिक्री पर पांबदी के लिये जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम ने भी सख्ती दिखाई थी, इसके बाद कुछ दिन सब-कुछ ठीक भी चला, लेकिन वापस हालात पूर्व जैसे ही हो गए। आपको बता दें कि पुलिस और आबकारी विभाग के अफसरों की नाकामी के कारण किसी भी तरह की कार्यवाही से बेखौफ कई ठेका संचालक रात को पूरे शट्टर खोल कर शराब बेच रहे है। होटल हारासर रोड पर स्थित अंग्रेजी शराब के दो ठेकों में तो रात आठ बजे बाद से लेकर रात बारह बजे तक धड़ल्ले से शराब और बीयर की बिक्री चलती है। इन ठेकों से कई पुलिसकर्मी भी ओवररेट पर शराब बियर खरीदते देखे जा सकते है।
ऐसा ही आलम रानी बाजार रेलवे क्रॉसिंग वाली गली में देखा जा सकता है, जहां बंद ठेके के झरोखे से शराब की बिक्री रातभर जारी रहती है। सार्दुल सर्किल का ठेका संचालक भी इस मामले में पीछे नहीं है। इस ठेके के पास जालीदार गेट के अंदर से रात 11 बजे तक अंग्रेजी और देशी शराब की बिक्री जारी रहती है। शासन-प्रशासन की सख्ताई को धत्ता बताकर शराब ठेकों पर रात आठ बजे बाद बिक रही अवैध शराब के इस मामले की पड़ताल करने पर पता चला है कि बीकानेर में शराब ठेकों के संचालन का जिम्मा जिले के कुख्यात शराब माफियाओं ने संभाल रखा है, जो अपने सियासी रसूखात के दम पर नियमों कायदों को ताक में रखकर देर रात तक ठेकों पर शराब बेचते हैं। इन माफियाओं ने शराब बेचने के लिये ठेकों की आड़ में कई अवैध ठिकाने भी खोल लिये है और अवैध बार भी चला रहे है। सियासी दबाव के कारण शासन-प्रशासन और पुलिस भी इन शराब माफियाओं पर लगाम कसने में नाकाम बनी हुई है। आबकारी अफसरों की तो इनके सामने बोलती ही बंद रहती है। आबकारी के निरीक्षक तो इनके ठेकों की तरफ झांकने से भी घबराते है।
ग्रामीण अंचलों में तो पांबदी का नाम ही नहीं
गांवों में संचालित होने से शराब की दुकानों पर समय की कोई पाबंदी ही नहीं दिखती, ऐसे में शराब के ठेकेदार चारों प्रहर दुकानें खुली रखकर शराब बेचते है। इतना ही नहीं ठेका संचालकों की शह पर राजमार्गो के ढाबों और होटल पर भी अवैध शराब की बिक्री का चलन जारी है, बीकानेर-जयपुर राजमार्ग की कई होटले तो रात को बीयरबार के रूप में संचालित होती है। इसके अलावा श्रीडूंगरगढ, लूणकरणसर, नोखा, श्रीकोलायत समेत नहरी इलाकों में ठेकों के अलावा होटलों, ढाबों और अवैध ठिकानों पर भी शराब की बिक्री होती है। यह भी पता चला है कि मोटी कमाई के लालच में कई ठेका संचालक हरियाणा, पंजाब और हिमाचल निर्मित शराब भी अवैध रूप से बेच रहे है।
…इसलिए तीन दिन बीकानेर में ही बिताएंगे जिले के प्रभारी मंत्री





