Saturday, April 20, 2024
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बीकानेर में रेमडेसिविर घोटाला : एसओजी ने रडार में आने वालों को किया जवाब तलब, कल से होंगे बयान…

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बीकानेर (सुरेश बोड़ा)। बीकानेर में कोरोना मरीजों को लगाए जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्‍शन घोटाले के बहुचर्चित मामले में स्‍पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने रडार में आने वाले ड्रग एजेंसीज, डॉक्‍टर्स व अन्‍यों से लिखित में जवाब तलब किया है। इनमें से कइयों ने जवाब दे दिए है और कइयों के अभी बाकी है। इस बीच, सोमवार से इनमें से कुछ को बयान के लिए एसओजी ने अजमेर तलब किया है। इस मामले की जांच एसओजी अजमेर की एएसपी दिव्‍या मित्‍तल को सौंपी गई है।

एसएसपी दिव्‍या मित्‍तल ने आज अभय इंडिया से बातचीत में बताया कि हमारी टीम इस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है। मामले में जिन-जिन अस्‍पताल संचालकों, डॉक्‍टरों, ड्रग एजेंसीज और औषधि नियंत्रकों के नाम सामने आए हैं उन सभी को हमने लिखित में नोटिस देकर जवाब मांगा है। इसके अलावा सोमवार से इनमें से कई जनों को बयान के लिए अजमेर तलब कर लिया गया है। इसकी शुरूआत ड्रग एजेंसीज संचालकों से की जा रही है। एएसपी मित्‍तल ने बताया कि उन्‍हें गत 11 मई को इस मामले की जांच मिली थी। इसके बाद हमने इस मामले में जांच के दायरे में आए सभी लोगों से लिखित में जानकारी मांगी है कि उन्‍होंने किस आधार पर रेमडेसिविर इंजेक्‍शन बेचे हैं। इसके साथ ही औषधि नियंत्रक अधिकारियों से इंजेक्‍शन का आवंटित करने से संबंधी नियमों की जानकारी मांगी है। यहां से इंजेक्‍शन कोठारी अस्‍पताल कोलकाता, भिवानी सहित अन्‍य शहरों तक पहुंचे हैं, लिहाजा उनसे भी लिखित में जवाब मांगा गया है। इस तरह से बीते पांच दिनों में एसओजी की टीम इस पूरे मामले की जांच को गति दे रही है।

इधर, चर्चा का बाजार है गर्म

बीकानेर में रेमडेसिविर घोटाले की शुरूआती परतें खुलने के बाद से अब तक कोई किसी भी आरोपी के पकड में नहीं आने को लेकर सोशल मीडिया में चर्चा का बाजार गर्म है। चर्चा यह चल रही है कि एक तरफ ऑक्‍सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी में एक कंपाउण्‍डर के खिलाफ पुलिस ने त्‍वरित कार्रवाई करते हुए उसे जेल की दहलीज पर पहुंचा दिया, लेकिन रेमडेसिविर घोटाले जैसे संगीन मामले में अभी तक किसी भी आरोपी को अभी तक क्‍यों नहीं पकडा गया है? हालांकि, इस मामले में एसओजी का दावा है कि वो इस मामले की गहनता से जांच कर रही है और जल्‍द ही आरोपी उनके शिकंजे में होंगे।

यह है मामला…

आपको बता दें कि एसओजी की शुरूआती जांच के मुताबिक, सहायक ड्रग कंट्रोलर ने बीकानेर और बीकानेर से बाहर 890 इंजेक्शन की सप्लाई का रिकॉर्ड दिया। जबकि, छह अधिकृत स्टॉकिस्ट ने 1400 इंजेक्शन सप्लाई किए। दोनों के रिकॉर्ड में 510 इंजेक्शन की गड़बड़ियां सामने आई है। एसओजी की रिपोर्ट के अनुसार, श्रीराम हॉस्पिटल, पीटी कृष्णा हॉस्पिटल के अलावा डॉ. अशोक गुप्ता, जे. के. पुरोहित, अजय गुप्ता, एमजी चौधरी, श्रेया जैन, अमित, गोपाल, विजय शांति बांठिया, दयाल शर्मा अधिकृत नहीं थे, इसके बावजूद इन्‍हें इंजेक्शन दिए गए। बीकानेर की जीवन रक्षा अस्पताल कोविड-19 के लिए हालांकि अधिकृत अस्पताल है। लेकिन, स्टॉकिस्ट ने अस्पताल के डॉक्टर धनपत डागा और विकास पारीक के नाम पर अलग से इंजेक्शन दिए।

ये गड़बड़ियां आई सामने…

बीकानेर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड पर स्टॉकिस्ट ने जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, श्रीगंगानगर, चूरू, झुंझुनूं, भिवानी, कोलकाता सहित अनेक जगह भेजे। इसी तरह एसडीएमएच हॉस्पिटल जयपुर, महाराजा अग्रसेन हॉस्पिटल जयपुर ने कहा कि ना तो स्टॉकिस्ट को मांग पत्र भेजा और न ही इंजेक्शन मिले। झुंझुनूं के आरआर हॉस्पिटल ने दो इंजेक्शन मिलना बताया, जबकि स्टॉकिस्ट ने चार बताए। स्टॉकिस्ट ने वरदान हॉस्पिटल को 15 इंजेक्शन देना बताया, जबकि हॉस्पिटल ने साफ इंकार कर दिया। एमएन अस्पताल को भी सात इंजेक्शन देना बताया, जबकि अस्पताल ने इंकार किया। आपको यह भी बता दें कि एसओजी के सीआई भूराराम खिलेरी ने यह मामला धारा 420, 465, 468, 471,120बी आईपीसी, धारा 3, 7 आवश्‍यक वस्‍तु अधिनियम, 18 (a)(vi), 18 (b), 18 (c), औषधि प्रसाधन अधिनियम के तहत दर्ज कराया है। इसके बाद मामले की जांच एसएसपी दिव्‍या मित्‍तल के पास है।

रेमडेसिविर इंजेक्शन के ये 6 स्टॉकिस्ट हैं अधिकृत

मित्तल ड्रग एजेंसी, मित्तल फार्मा, जिंदल मेडिकोज, राजेन्द्र मेडिकोज, तंवर मेडिकोज, मित्तल फार्मा, गौरव एजेंसी।

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