बीकानेर abhayindia.com कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिये देशव्यापी स्तर पर लगाये गये लॉकडाउन में पान मसाला और गुटखा की खेप कहां से आ रही है? आ भी रही है तो दुकानें सारी बंद है, इसके बावजूद ये कैसे लोगों तक पहुंच रहा है? पहुंच भी रहा है तो कोई कार्रवाई क्यों नहींं हो रही? इन तमाम सुलगते सवालोंं के जवाब नहीं मिल रहे।
असल में, जहां चाह है, वहां राह है…. की तर्ज पर जो खाने का शौक़ीन है, वो गुटखे ढूंढ़ निकाल रहे हैं। इसका फायदा उठाने के लिये बीकानेर में तंबाकू और पान मसाला कारोबारियों ने इनके दाम चौगुने बढा दिये।
जानकारी में रहे कि लॉकडाउन का आदेश जारी करते वक्त आगाह किया गया था कि गुटखा और पान मसाला खाकर थूकने से भी कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका रहती है। इसके बावजूद लॉकडाउन और कफ्र्यू के दौरान तीन सप्ताह के अंतराल में बीकानेर के तलबगारों ने करीब बीस करोड़ से ज्यादा का गुटखा और पान मसाला खाकर थूक दिया, लेकिन पुलिस ने एक भी केस दर्ज नहीं किया।
जबकि प्रदेश की भरतपुर पुलिस ने सार्वजनिक जगह पर गुटखा थूकने के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। कोरोना महामारी के बीच राज्य में इस तरह की कार्रवाई का पहला केस है। पुलिस ने बताया कि दोनों युवक लॉकडाउन होने के बावजूद बिना मास्क लगाए बेवजह सड़क पर घूम रहे थे। दोनों गुटखा खाए हुए थे और जगह-जगह थूक रहे थे। यह कार्रवाई राजस्थान महामारी रोग अधिनियम 1957 की धारा (2) के तहत की गई। इसके तहत छह महीने तक की सजा और जुर्माना या दोनों लगाया जा सकता है।
जानकारी में रहे कि लॉकडाउन और कर्फ्यू में गुटखा, पान मसाला और बीड़ी सिगरेट की बिक्री पर पांबदी के बावजूद आज भी शहरभर में इन प्रतिबंधित उत्पादों की कालाबाजारी परवान पर है। पुख्ता खबर है कि लॉक डाउन के शुरूआती दिन से बीकानेर में गुटखा, जर्दा, पान मसाला और बीड़ी सिगरेट की कालाबाजारी दुगुनी रफ्तार से परवान चढ गई थी, जो आज भी बदस्तूर जारी है।
इससे साफ जाहिर है कि तलबगारों ने चौगुनी दामों के बावजूद गुटखा और पान मसालों का सेवन कर थूक दिया। लेकिन लॉकडाउन और कर्फ्यू की पालना में लगे प्रशासन और पुलिस अफसरों की इसकी भनक भी नहीं लगी। पुख्ता खबर है कि शहर में तंबाकू और पान मसालों के बड़े कारोबारियों ने लॉकडाउन के पहले दिन से अपना माल सुरक्षित जगहों पर स्टॉक कर लिया, जहां बड़े पैमाने पर दुकानदारों को सप्लाई की गई। एक अनुमान के मुताबिक लॉकडाउन और कर्फ्यू की अवधि में कालाबाजारी कर मोटी कमाई के मामले में सबसे टॉप भी तंबाकू और पान मसाला कारोबारी चिन्हित हुए है।
By- Mukesh Poonia