Monday, May 20, 2024
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बीकानेर : गाँधीजी के विचार व आदर्श आज भी प्रासंगिक- डाॅ. कल्ला

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बीकानेर abhayindia.com कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री डाॅ. बुलाकीदास कल्ला ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने सत्य, अहिंसा व सत्याग्रह के आधार पर देश को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त कराया। गाँधीजी सदैव शांति, भाईचारे, सर्वधर्म सद्भाव, समानता, परोपकार के मार्ग पर चले। विश्व में व्याप्त समस्याओं का सामना व समाधान करने की दिशा में गाँधीजी के विचार व आदर्श आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं।

डाॅ. कल्ला शनिवार को अपने निवास पर राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी की मुखपत्रिका ‘जागती जोत’ के नवीन अंक का विमोचन कर रहे थे, इस अंक में महात्मा गाँधी पर विशेष साहित्यिक-सामग्री सम्मिलित की गई है। डाॅ. कल्ला ने कहा कि गाँधीजी का जीवन ही उनका संदेश है। उन्होंने निःस्वार्थ सेवाभाव से पीड़ित व्यक्ति को राहत पहुंचाने पर बल दिया था। डाॅ. कल्ला ने बताया कि प्रदेश में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के 150वें जन्म शताब्दी वर्ष आयोजन को एक वर्ष और आगे बढ़ाने का महत्त्वपूर्ण निर्णय इसीलिए लिया गया है कि आमजन उनके जीवन-दर्शन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र की उन्नति में अपना योगदान दें।

कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री ने कहा कि बापू का संपूर्ण जीवन परोपकार, सेवा, त्याग, तपस्या का अनुपम उदाहरण है। उन्होंने राष्ट्र-हित में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था। गाँधीजी ने आमजन को स्वदेशी, स्वावलम्बन, सादगी व स्वच्छता की महत्ता बताई।

डाॅ. कल्ला ने बताया कि कला, साहित्य एवं संस्कृति विभाग द्वारा एक नवाचार के रूप में प्रदेश के कलाकारों से संबंधित सूचना संग्रहण के लिए एक आॅनलाइन डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। उन्होंने मायड़ भाषा-साहित्य के उन्नयन व व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए पूर्ण गंभीरता से प्रयास किए जाने की आवश्यकता जताई।

अकादमी सचिव शरद केवलिया ने बताया कि जागती जोत के इस अंक में महात्मा गाँधी के व्यक्तित्व-कृतित्व पर आधारित राजस्थानी आलेख, कविताएं-दोहे, अनुवाद आदि विशेष सामग्री सम्मिलित की गई है, साथ ही इसमें अन्य साहित्यिक सामग्री, समाचार भी दिए गए हैं।

इस दौरान मोहन खंडेलवाल, अमन पुरी भी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि जागती जोत के इस अंक के प्रधान संपादक अध्यक्ष एवं संभागीय आयुक्त भंवरलाल मेहरा, संपादक शिवराज छंगाणी व प्रबंध संपादक शरद केवलिया हैं। गिनीज वल्र्ड रिकाॅर्ड धारक मेघा हर्ष ने आवरण पृष्ठ बनाया है।

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