Monday, May 6, 2024
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बीकानेर: पांच दिवसीय दीपोत्सव 2 नवंबर से, दीवाली पूजन का इस बार यह रहेगा मुहूर्त, पढ़े पूरी खबर…

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बीकानेर Abhayindia.com पांच दिवसीय दीपोत्सव धनतेरस(नवंबर) से शुरू हो जाएगा। पर्व को मनाने के लिए उत्साह है। वहीं बाजार भी सज गए हैं। खरीदारों की भीड़ बढऩे लगी है, दुकानदारों को उम्मीद है कि धनतेरस पर बाजारों में धनवर्षा होगी। वहीं घरों में भी दीपो के पर्व को लेकर तैयारियां चल रही है। रंग-रोगन के साथ साफ-सफाई कार्य चल रहा है।

यह रहेगा मुहूर्त…

पर्व का यह महत्व…

पंचागकर्ता पंडित राजेन्द्र किराड़ू के अनुसार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को धनदा त्रयोदशी पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन सागर मंथन के समय भगवान धनवंत्तरी प्रकट हुए थे। जिन्होंने आयुर्वेद का प्रचार-प्रसार कर मानव मात्र कल्याण किया था। इस दिन भगवान धनवंत्तरी का पूजन किया जाता है। इसी दिन से पांच दिवसीय दीपोत्सव शुरू हो जाता है। धनतेरस के दिन पीतल, चांदी, तांबा, स्वर्ण आदि के पात्रों (बर्तन) को खरीदने की परम्परा है, स्वर्ण, चांदी खरीदने से धन स्मृद्धि होती है।

 

रूप चतुर्दशी(नरक चतुर्दशी) …

पंडि़त किराड़ू के अनुसार नरक चतुर्दशी को घर के बाहर यमराज के नाम का दीपक जलाया जाता है। इसे आम भाषा रूप चतुर्दशी भी कहते है, इसमें महिलाएं चेहरे पर उबटन इत्यादि से शृंगार करती है। यह इस बार तीन नवंबर को है।

दीपावली पूजन…

हिन्दुओं का अहम पर्व है दीवाली। धर्म शास्त्रीय मर्यादा(मान्यता) के अनुसार समुन्द्र मंथन के समय मंं लक्ष्मी उत्पन्न हुई थी, जिसने भगवान विष्णु का वरण किया, धन-धान्य, सुख-समृद्धि के लिए इस दिन दीपमालाओं से घर मंदिर रोशन करने की परम्परा है। देवी महालक्ष्मी का पूजन किया जाता है। साथ भगवान गणेश, कुबेर, लेखनी का पूजन भी होता है। इस बार दीवाली चार नवंबर को है।

गोवर्धन पूजा…

दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजन किया जाता है। इस दिन मथुरा इत्यादि में गोवर्धन गिरी (पर्वत) का पूजन किया जाता है। वहीं घरों के आगे मिट्टी से रंगोली से उकेर कर गोवर्धन भगवान का पूजन करने का महत्व है। कई मंदिरों और घरों में इसी दिन गोबर का पर्वत उकेर कर उसका पूजन कर कई तरह के पकवानों का भोग लगाया जाता है। पुष्टिमार्गी मंदिरों में अन्नकूट मनोरथ होते हैं।

यम द्वितीया…

गोवर्धन पूजन के अगले दिन यम द्वितीया मनाई जाती है। जिसे भैया दूज भी कहते हैं। इस दिन बहिनें भाइयों के माथे पर तिलक करती है, उन्हें मिठाई खिलाती है, वहीं भाई उपहार देते हैं। इस दिन यमुना नदी में यम द्वितीय स्नान का महत्व है। जिसमें बहिन-भाई स्नान करते हैं। इसी दिन पांच दिवसीय दीपोत्सव की पूर्णाहुति होगी। यम द्वितीया इस बार छह नवंबर को है।

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