बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। मन में विश्वास और अपनी मेहनत पर यकीन हो तो मुश्किल से मुश्किल काम भी मुमकिन हो जाता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है बीकानेर स्थित सिंथेसिस संस्थान के होनहार सिंथेसियन भोजराज गहलोत ने।
भोजराज का जन्म बीकानेर के एक पिछड़े इलाके छोटा रानीसर बास, उस्ताबारी में हुआ। पिता प्यारेलाल गहलोत खादी मंदिर में छोटे से पद पर नौकरी करते थे तथा माता मंजू देवी ग्रहिणी थी। भोजराज शुरू से ही अध्ययन में कठिन परिश्रम कर रहा था। उसने अपनी प्राथमिक शिक्षा अन्नपूर्णा सगठन विहार, श्रीरामसर, बीकानेर से की। आगे की शिक्षा शहर के नालन्दा पब्लिक स्कूल में पूर्ण की। इस विद्यालय में विज्ञान संकाय नहीं होने के कारण भोजराज एन. डी. मॉर्डन सीनियर सैकेण्डरी स्कूल में अपनी 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण की।
अपनी बहन की तरह भोजराज भी अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए प्री-मेडिकल की तैयारी करना चाहता था। बहन की असफलता को दरकिनार कर सफल होने के लिए उत्तर-पश्चिम राजस्थान के सर्वोच्च शिक्षण संस्थान सिंथेसिस में एक फ्रेशर के रूप में अपना अध्ययन शुरू किया। सिंथेसिस में आने पर भोजराज यहां के अच्छेे वातावरण से प्रभावित होकर नए जोश के साथ अपने अध्ययन में जुट गया। कड़ी मेहनत से नीट-2018 में अपने वर्ग में 10055वीं रैंक हासिल की। इसके अलावा आरपीवीटी-2018 में सम्पूर्ण राजस्थान में 79वीं रैंक लाने में सफल हुआ। बहुत अच्छी रैंक न होने के बावजूद इसे ई.एस.आई.सी. मेडिकल कॉलेज, फरीदाबाद, हरियाणा में दाखिला मिला तथा इसने इस तरह अपने पिता के सपने को पूर्ण किया।
इस ई.एस.आई.सी मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिलना इतना आसान कार्य नहीं है, इसके लिए पहले ई.एस.आई.सी. क्षेत्रीय कार्यालय तथा मुख्यालय केंद्र जोधपुर में सम्पूर्ण राजस्थान के ई.एस.आई.सी. कार्ड जारी किये जाते हैं, इसमें कर्मचारी की ई.एस.आई.सी. कटौटियों के रिकार्ड व उनके बच्चों की सम्पूर्ण भारत की नीट रैंक को जांचा जाता है।
यहां भोजराज केे पिता की 20 वर्षों की निष्ठापूर्ण व ईमानदारी से खादी मंदिर में की गई सेवा व ई.एस.आई.सी. खाते का अच्छा रिकॉर्ड काम आया व सिंथेसिस के मार्गदर्शन से भोजराज ने अपने पिता का सपना पूर्ण करने में कामयाबी हासिल की। इस तरह गांधी की खादी ने भोजराज के डॉक्टर बनने के सपने को पूर्ण किया। सिंथेसिस निदेशक डॉ. श्वेत गोस्वामी ने भोजराज के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए सफलता पर बधाई दी है।
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