नई दिल्ली Abhayindia.com संसद के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार ने आज “एक देश-एक चुनाव” का संशोधन बिल पेश किया गया। इस बिल को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने पेश किया। भाजपा ने कहा कि इस विधेयक से देश का विकास तेजी से होगा, क्योंकि बार-बार चुनाव होने से व्यवस्था बिगड़ती है। आपको बता दें कि भाजपा ने इस बिल के चलते अपने सांसदों को व्हिप जारी किया था। वहीं, विपक्ष ने इस बिल का जबरदस्त विरोध किया है। कांग्रेस ने कहा कि ये संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है।
इधर, आज राज्यसभा में एक बार फिर संविधान पर चर्चा हो रही है। विपक्ष ने बीते दिन सरकार पर झूठी बातें फैलाने का आरोप लगाया था। आज जेपी नड्डा ने जवाब देते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है।
एक देश-एक चुनाव पर दोबारा वोटिंग के बाद इसके पक्ष में 269 वोट तो विरोध में 198 वोट पड़े हैं। वोटिंग के बाद बिल को जेपीसी को भेजा गया है। पीएम मोदी ने भी बिल को भेजने की सलाह दी थी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक को मंजूरी के लिए कैबिनेट में लिया गया था, तो प्रधानमंत्री मोदी ने सुझाव दिया था कि विधेयक को विस्तृत चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा जाना चाहिए। शाह ने कहा कि अगर कानून मंत्री विधेयक को जेपीसी को भेजने के इच्छुक हैं, तो इसके परिचय पर चर्चा समाप्त हो सकती है।
वन नेशन-वन इलेक्शन बिल स्वीकार करने के लिए ई-वोटिंग की गई। बिल के पक्ष में 220 और विपक्ष में 149 वोट पड़े। इसके बाद जब विपक्ष ने इस पर आपत्ति जताई तो अमित शाह ने कहा कि इन्हें पर्ची दे दीजिए। इस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि विपक्ष को अगर आपत्ति हुई तो वो सांसद पर्ची के माध्यम से भी अपना वोट संशोधित कर सकता है।
टीडीपी ने आज लोकसभा में पेश किए गए एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक को अपना अटूट समर्थन देते हुए कहा कि इससे पूरे देश में चुनाव प्रक्रिया सुचारू हो जाएगी। इस बीच, एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह विधेयक देश की सभी क्षेत्रीय पार्टियों को अकेले ही खत्म कर देगा और इसे केवल “सर्वोच्च नेता के अहंकार को संतुष्ट करने” के लिए पेश किया जा रहा है।