Saturday, December 21, 2024
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दादाबाड़ी में भक्ति के साथ दादा गुरुदेव की पूजा, मेला लगा, लोगों ने ऊंट व घुड़सवारी का लिया आनंद

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बीकानेर Abhayindia.com उदयरामसर की दादाबाड़ी में श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के तत्वावधान में श्री सकल जैन संघ के सहयोग से शनिवार को समग्र जैन समाज का मेला लगा। जैन समाज के बंधुओं ने पंथ व सम्प्रदाय को भूलकरा आपसी सौहार्द को प्रदर्शित करते हुए सक्रिय भगीदारी निभाई तथा एक दूसरे से जय जिनेन्द्र, मिच्छामी दुकड़म’’ व ’’खमतखामणा’’ शब्दों के साथ एक दूसरे से जाने-अन्जाने में हुई गलती व भूल के लिए क्षमा याचना की।

दादा गुरुदेव की प्राचीन दादाबाड़ी में जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की साध्वीश्री साध्वीश्री मृृगावतीश्री, सुरप्रिया व नित्योदया के सान्निध्य में विभिन्न राग व तर्जों के भक्तिगीतों के साथ दादा गुरुदेव की पूजा की गई। पूजा में वरिष्ठ गायक मगन कोचर, विचक्षण महिला मंडल, सामयिक मंडल, अरिहंत मंडल आदि ने दोहा, सोरठा के साथ राग माड, आसावरी, कल्याण आदि मंें दादा गुरुदेव के भक्ति गीत प्रस्तुत किए। दादाबाड़ी में शुक्रवार रात भक्ति संगीत संध्या हुई जिसमें स्थानीय वरिष्ठ गायक मगन कोचर के साथ बाहर से आमंत्रित कलाकारों ने भजन प्रस्तुत किए। दादाबाड़ी में विशेष सजावट की गई।
मेला स्थल पर जैन यूथ क्लब, सुगनी देवी जैसराज अस्पताल, सहित विभिन्न संगठनों की ओर से स्टॉलें  लगाई गई। स्कूलों पर आइसक्रीम, बर्फ के छत्ते कि निशुल्क व्यवस्था की गई। झझू के सेठिया परिवार की ओर से यात्रियों पेयजल टैंकर से सेवा की गई। अनेक लोगों ने झूलों, ऊंट व घुड़ सवारी का आनंद लिया।
श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष निर्मल धारीवाल, मंत्री चन्द्र सिंह पारख, ट्रस्टी इंजीनियर अशोक पारख, अजीत सिंह खजांची, कंवर लाल सेठिया, अजय खजांची, विपुल नाहटा, यशवंत कोठारी, जैन यूथ क्लब के सदस्य विभिन्न व्यवस्थाओं में चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास का सहयोग कर रहे थे। दादा गुरुदेव की पूजा स्थल पर 5 हजार श्रावक-श्राविकाओं ने प्रसाद ग्रहण किया। श्रावक-श्राविकाएं शुक्रवार को ही ऊंट गाड़ों पर, पैदल व विभिन्न वाहनों से उदयरामसर पहुंचे थे। दिल्ली से आएं ललित नाहटा ने कहा कि उदयरामसर दादाबाड़ी का मेला जैन एकता के लिए अनुकरणीय व प्रेरणादायक है।
इस मेले में वर्षों से जैन श्वेताम्बर तेरापंथ, साधुमार्गी जैन संघ, शांतक्रांत संघ, जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ, तपागच्छ, पाश्र्वचन्द्रगच्छ के साथ दिगम्बर जैन समाज के श्रावक-श्राविकाएं भी शामिल होते हैं। वक्त के साथ मेले का स्वरूप् बदल गया है, पहले मेले में देशनोक, नोखा, नाल, झझू सहित विभिन्न ग्रामीण इलाकों में रहने वालों के साथ देश के विभिन्न इलाकों में रहने वाले बीकानेरी ऊंट गाड़ों, बैलगाड़ों पर व पैदल  पहुंच जाते थे तथा देव, गुरु व धर्म के साथ आपसी रिश्तों, सामाजिक एकता की चर्चा सौहार्द, समता भाव से करते थे। वर्तमान में श्रावक-श्राविकाओं का ठहराव कम हो गया है। चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष निर्मल धारिवाल व मंत्री चन्द्र सिंह पारख आदि मेले के लिए निरन्तर सुविधाओं का विस्तार कर दादाबाड़ी को लघु जैन तीर्थ के रूप में विकसित करने में लगे है। दादाबाड़ी में निर्माण कार्य होने से यात्रियों की सुविधा में वृृद्धि हुई है।
पाकिस्तान में दादा गुरुदेव की भक्ति
दादा गुरुदेव देराउसर पाकिस्तान में शनिवार भादों पूर्णिमा पर दादा गुरु देव भक्ति का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पाकिस्तानी कलाकारों ने कव्वाली व भजनों के माध्यम से दादा गुरुदेव के प्रति श्रद्धा व्यक्त की। श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास बीकानेर के मंत्री चन्द्र सिंह पारख ने बताया कि भक्ति का लाभ बीकानेर के हरिसिंह, विमला देवी पारख परिवार ने लिया। -शिवकुमार सोनी

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