




जयपुर Abhayindia.com प्रदेश में बेरोजगारों के बाद अब संविदा पर लगे लेखा सहायकों ने भी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। पंचायती राज विभाग में 750 से ज्यादा लेखा सहायक हैं। इनका कहना है कि 13 साल का वक्त बीत जाने के बाद भी हम सिर्फ 8000 रुपए के वेतन पर काम करने को मजबूर है। जबकि, सरकार ने 2013 में ही लेखा सहायकों की भर्ती निकाली थी। जिसमें संविदा पर लगे कर्मचारियों को नियुक्ति मिलने वाली थी। लेकिन, अब तक भर्ती प्रक्रिया को पूरा नहीं किया गया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार ने यदि इस बजट में हमारी मांग नहीं मानी तो प्रदेशभर के लेखा सहायक विधानसभा का घेराव करेंगे।
महात्मा गांधी नरेगा लेखा सहायक संघ के प्रदेश महासचिव नरेंद्र सिंह राजपुरोहित ने बताया कि 13 साल का वक्त बीत जाने के बाद भी सरकार ने हमारी मांग को पूरा नहीं किया है। जबकि, चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में लेखा सहायकों को नियुक्ति देने का वादा किया था। लेकिन सरकार का चौथा बजट जारी होने वाला है। अब तक लेखा सहायकों के लिए कोई फैसला नहीं दिया गया है। लेखा सहायक के पद पर कार्यरत एक महिला कर्मी ने बताया कि हमसे केवल 8,000 रुपए की तनख्वाह पर काम करवाया जा रहा है। जबकि, महंगाई के इस दौर में 8,000 रुपए में घर का खर्च चलाना और बच्चों को पढ़ाना नामुमकिन सा हो गया है। ऐसे में सरकार को न सिर्फ हमारी तनख्वाह बढ़ानी चाहिए। बल्कि लंबित भर्ती प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करना चाहिए। ताकि मजबूर लेखा सहायकों के बच्चे भी अच्छी शिक्षा ले सके।
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