Saturday, May 4, 2024
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आरएसवी में हुआ व्यक्तित्व विकास के समक्ष आने वाली चुनौतियों पर मंथन

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बीकानेर abhayindia.com मनोविज्ञान और मानव विकास, ये अतिश्योक्ति नहीं, यथार्थ है। व्यक्तित्व विकास एक सतत और बहुआयामी प्रक्रिया है। मनोविज्ञान इस विकास प्रक्रिया का एक सर्वोत्तम साधन है जिसका बोध अभिभावकों और शिक्षकों को होना अत्यावश्यक है। तभी बालकों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जा सकता है। बालकों का शैक्षणिक, शारीरिक और भावनात्मक विकास उनके व्यक्तित्व विकास के महत्वपूर्ण आयाम होते हैं। इऩ आयामों का समय-समय पर विकास एक पूर्ण वैज्ञानिक प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया से अभिभावकों और शिक्षकों को पूर्णरुपेण अवगत होना होगा और इसका उपयोग उन्हें बालकों के विकास के लिए करना होगा, तभी हम भविष्य की एक सुदृढ़ पीढ़ी का निर्माण कर पाने में सक्षम हो पाएगें, अन्यथा भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगना स्वाभाविक है।

इन सब बिन्दुओं पर गहन चिन्तन करने के लिए आज करणी नगर स्थित स्वामी रामनारायण सीनियर सैकण्डरी स्कूल में शिक्षकों, अभिभावकों, मनोवैज्ञानिकों और मोटिवेशनल गुरुओं का एक सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें व्यक्तित्व विकास के समक्ष आने वाली चुनौतियों और उनके समाधानों पर विचार विमर्श किया गया।

प्रख्यात मनोवैज्ञानिक डॉ. अंजु ठकराल ने अपने वर्षों के शोध और अनुभव के आधार पर अभिभावकों और शिक्षकों को बालकों के बहुआयामी व्यक्तित्व विकास के लिए प्रभावी मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने मुख्य रुप से मोबाईल और उसके दुष्प्रभावों के कारणों और उनके निवारण पर अपना चिन्तन प्रस्तुत किया। सम्मेलन में उपस्थित अभिभावकों ने अपनी जिज्ञासाओं को डॉ. ठकराल के सामने प्रस्तुत कर उनका प्रभावी समाधान प्राप्त किया।

बीकानेर के ख्यातिनाम मोटिवेशनल गुरु डॉ. गौरव बिस्सा ने अभिभावकों को बालकों के समक्ष अपना उच्चतम व्यावहारिक और चारित्रिक आदर्श प्रस्तुत करने पल बल दिया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अभिभावकों को अपनी संतान के साथ अधिकाधिक समय भी व्यतीत करना चाहिए जिससे वे बालमन में आने वाले परिवर्तनों की चुनौतियों से अवगत हो सके और उनकी जिज्ञासाओं को शांत कर सके। भारतीय संस्कृति की विश्वविख्यात संतान में संस्कार प्रदान करने वाली पद्धति का स्मरण कराते हुए डॉ. बिस्सा ने अभिभावकों से अनुरोध किया कि वे भारत को विश्व गुरु बनाने वाली संतानों का निर्माण करें।

सम्मेलन के अंत में आर.एस.वी. की प्राचार्या निधि स्वामी व ग्रुप के सी.ई.ओ. आदित्य स्वामी ने दोनो वक्ताओं का स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मान किया। शाला के प्राचार्य नीरज और उपप्राचार्या बिंदु बिश्नोई ने उपस्थित अभिभावकों का धन्यवाद ज्ञापित किया। व्यवस्थापक रामलाल स्वामी ने सभी आगंतुकों का हार्दिक आभार प्रकट किया।

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