Friday, September 20, 2024
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बीकानेर : लेट लतीफी की आदत से ग्रस्त अफसरों-कार्मिकों पर सख्ताई

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बीकानेर abhayindia.com  सरकारी दफ्तरों के कामकाज की व्यवस्था में सुधार के लिये राजस्थान सरकार के निर्देश पर प्रमुख शासन सचिव डॉ. आर वेंकटेश्वरन ने अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव व शासन सचिव को पत्र जारी करते हुए बताया कि सरकारी कार्यालयों में समय की पाबंदी एवं कार्य स्थलों पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है।

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पत्र में अवगत कराया गया है कि सरकारी कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की उपस्थिति का समय सुबह नौ बजे तथा अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति का समय साढ़े नौ बजे है। इस नियत समय पर उपस्थित नहीं होने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति पंजिका में उनके नाम के आगे क्रॉस अंकित कर विद्यमान सेवा नियमानुसार आवश्यक अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाये।

जानकारी में रहे कि बीकानेर जिले में तैनात राजकीय अफसरों और कार्मिकों में लेट लतीफी की बीमारी खासी पुरानी है, यहां ज्यादात्तर दफ्तरों में दस-साढे दस बजे बाद ही अफसरों-कार्मिकों की आमदरफ्त होती है। यहां नगर निगम, नगर विकास न्यास, सिक्षेवि, सानिवि, जलदाय विभाग, महिला एवं बाल विकास, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग समेत तमाम राजकीय विभागों के दफ्तरों में अधिकांश अफसर और कर्मचारी 10.30 बजे तक ड्यूटी पर नहीं पहुंचते। जिला कलक्टर कुमारपाल द्वारा यहां लेट लतीफी की आदत से ग्रस्त राजकीय मुलाजिमों को ड्यूटी के प्रति पांबद करने के लिये लगातार हिदायते दिये जाने का असर भी नजर नही आ रहा।

हालांकि जिले के अधिकांश सरकारी दफ्तरों में बायोमेट्रिक मशीन से हाजरी होने लगी है, लेकिन फिर भी लेट लतीफ अफसरों कार्मिकों में सुधार  नहीं आ रहे है। कई शातिर कर्मचारी सुबह तय समय पर बायोमीट्रिक पर उपस्थिति दर्ज करवाकर कार्यालय से निकल जाते हैं और फिर आराम से घंटे दो घंटे बाद दफ्तर में लौटते है। इसके चलते कई विभागों में बायोमीट्रिक मशीन सिर्फ दिखावा बनकर रह गई है। मुख्यालय छोडऩे वाले लेट लतीफ सरकारी मुलाजिमों की आदत का खामियाजा उन लोगों को भुगतना पड़ता है जो अपने काम कराने के लिये सरकारी दफ्तरों में पहुंचते है। कई लोग अपने काम के सिलसिले में कार्मिकों के चक्कर लगाते हैं। लेकिन कर्मचारी सीट पर नहीं मिलने से लोग परेशान होते हैं।
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