बीकानेर abhayindia.com व्यक्ति के जीवन में पूर्णता की यात्रा अर्जन से सृजन की ओर है, जिसे आधार संकल्प-शक्ति की भावना देती है। उक्त विचार महाविद्यालय की शीर्ष शाखा राजस्थानी युवक परिषद मुम्बई के पूर्व सचिव स्व. प्रेमरतन जोशी की 25वीं पुण्यतिथि के अवसर पर महाविद्यालय प्रबंध समिति के सचिव गौरीशंकर व्यास ने व्यक्त किए।
स्व. जोशी को श्रद्धांजलि देते हुए सचिव व्यास ने कहा कि महाविद्यालय की संकल्पना, विकास व उन्हें नई ऊँचाईयों तक पहुँचाने के लिए स्व. जोशी संकल्प शक्ति से अनवरत एक कर्मयोगी की तरह सदैव तत्पर रहे। उन्होंने गाँधीजी के दर्शन को केन्द्र में रखते हुए उच्च लक्ष्य के लिए साधन भी पवित्र रखें। छात्राओं का आह्वान करते हुए व्यास ने कहा कि जीवन में अनुशासित प्रयत्नों की निरन्तरता व संकल्प के द्वारा मनुष्य अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है। इसके लिए हमें आत्मनिष्ठ व कर्मनिष्ठ बनना होगा।
महाविद्यालय प्राचार्या डॉ. चित्रा पंचारिया ने छात्राओं के लिए जीवन में संकल्प शक्ति के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि समाज के लोगों में दिखावे की प्रवृति बहुत अधिक है, लेकिन उन्हें अपने जीवन को उच्चतम सोपान तक पहुंचाने के लिए संकल्पबद्ध होकर सतत् कर्मशील बनना होगा, जिससे नए भारत का निर्माण करने में वे सक्षम हो सकेंगी।
इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत महाविद्यालय प्रबंध समिति के सचिव व प्राचार्या, प्रवक्तागण तथा छात्राओं ने स्व. प्रेमरतन जोशी के छाया चित्र पर पुष्पाजंलि द्वारा भावांजलि दी। कार्यक्रम के अगले चरण में संगीत विभाग की प्रवक्ता डॉ. सीमा भट्ट के नेतृत्व निर्देशन में छात्राओं ने गीत ये मत कहो खुदा से मेरी मुश्किलें बडी है…, तथा तेरी पनाह में हमें रखना… जैसे भावपूर्ण गीतों की प्रस्तुतियाँ दी, तबले पर संगत कैलाश पुरोहित ने दी। कार्यक्रम का संचालन हिन्दी प्रवक्ता डॉ. घनश्याम व्यास ने किया।
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