मुकेश पूनिया/बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। विधानसभा के चुनावी रण में सत्ता गंवाने वाली भाजपा अब लाचार दिखाई दे रही है। पार्टी सूत्रों की मानें तो प्रदेश की अधिकांश सीटों पर भाजपा को भीतरघात के कारण नुकसान उठाना पड़ा है। इनमें बीकानेर जिले की खाजूवाला, श्रीडूंगरगढ़ और बीकानेर पश्चिम प्रमुख रूप से शामिल है। इनके अलावा लूनकरणसर में भी भाजपा प्रत्याशी को जबरदस्त भीतरघात से जूझना और चुनावी रण में यह सीट हाथ से फिसलती दिख रही थी।
खबर है कि जिले की सातों सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की चुनावी जंग में मजबूती से साथ रहे पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अब भीतरघात करने वालों की मय प्रमाण के भी शिकायत कर दी गई, लेकिन भाजपा प्रदेश नेतृत्व ने लोकसभा चुनावों की दस्तक को देखते हुए भीतरघातियों की शिकायतों पर पर्दा डाल दिया है और शिकायत करने वालों को इशारों में समझा दिया गया कि कार्रवाई की तो लोकसभा चुनाव में पार्टी को नुकसान होगा। अभी शांति बनाए रखें, मौका आने पर सभी का हिसाब कर दिया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक सबसे ज्यादा शिकायतें बीकानेर पश्चिम क्षेत्र से मिली है, जहां शहर के दिग्गज भाजपाई और पार्षद अपने समर्थकों की फौज के साथ पार्टी प्रत्याशी डॉ. गोपाल कृष्ण जोशी की ‘कारसेवा’ में जुटे हुए थे। इसके अलावा श्रीडूंगरगढ़ में भी भाजपा प्रत्याशी ताराचंद सारस्वत को पटखनी देने के लिये क्षेत्र के नामी भाजपाई विरोधी लॉबी वालों के साथ मिलकर कारस्तानी दिखा रहे थे, जिन्होंने अपने प्रत्याशियों को हराने के लिए खुलकर कार सेवा की। खबर है कि श्रीडूंगरगढ़ में भीतरघात हर बार कांग्रेस में होता था, वह इस बार भाजपा में हुआ और उससे भी बढ़े हुए रूप में।
खाजूवाला में भी भाजपा प्रत्याशी डॉ. विश्रनाथ के खिलाफ ज्यादा विरोधी माहौल नहीं था, लेकिन इस माहौल को ज्यादा खराब करने मेें भाजपाईयों ने खुलकर अपनी भागीदारी निभाई और इसका सीधा फायदा कांग्रेस प्रत्याशी गोविन्द राम मेघवाल को मिला जो जीत का रिकार्ड बना गये। जिले की लूणकरणसर सीट पर भाजपा प्रत्याशी सुमित गोदारा के खिलाफ संगठन के पदाधिकारियों ने मोर्चा संभाल रखा था, जो चुनावी सभाओं में सुमित के साथ कदम ताल मिला रहे थे, लेकिन अंदरखाने उनकी जड़े कमजोर करने में जुटे हुए थे।
बताया जाता है कि चुनाव निपटने के बाद प्रदेश नेतृत्व ने भीतरघात करने के बारे में लिखित में शिकायत मांगी थी। शिकायत करने वालों के कार्यकर्ताओं ने सबूत तक दे दिए। इसके बावजूद संगठन लाचार नजर आ रहा है। विधानसभा परिणाम तो ठीक अब उसे लोकसभा की चिंता सताने लग गई है। पार्टी उन कलाकारों को निकालने के मूड में नहीं है। उन्हें मालूम है कि भीतरघातियों के जैसे ही भगाया वैसे ही ये विरोधियों के साथ जाकर खड़े हो जाएंगे। ऐसे में और ज्यादा घातक होंगे, पार्टी का बड़ा नुकसान करेंगे। इसी सोच के चलते सभी भितरघातियों को छोड़ा जा रहा है। हालांकि संगठन ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में सभी का विशेष ध्यान रखा जाएगा।