अहमदाबाद। अहमदाबाद के एशियन बैरियाट्रिक्स हॉस्पिटल में एक ऐसा अनोखा मामला सामने आया है, जो बीमारी से परेशान होकर हार चुके लोगों के लिए एक मिसाल है। 92 वर्षीय एक मरीज ने हाल ही अपने घुटने के प्रत्यारोपण का सफल इलाज करवाया है। इस उम्र में लोगों पर चिकित्सा का अक्सर उल्टा ही असर होता है। ऊपर से जब रोगी के दिल की कार्यक्षमता 10 से 15 प्रतिशत ही हो तो ऑपरेशन करना खतरनाक साबित हो सकता है।
डॉ. धीरज मरोठी जैन ने बताया कि जब मरीज के दिल की कार्यक्षमता 15 से 20 प्रतिशत हो, पैरों में टेढापन (धनुष), ऑस्ट्रियो आर्थराइटस, और अन्य कई उम्रजनक बीमारियां हो ऐसे में ऑपरेशन करना काफी जोखिम भरा था। इसीलिए एनेस्थिसिया प्रोसेस से ऑपरेशन किया गया। एनेस्थिसिया ने ऐसे उम्रदराज मरीज के इस जोखि़म भरे ऑपरेशन में शानदार सपोर्ट किया। सर्जरी के बाद मरीज की स्थिति में काफी सुधार है।
डॉ. मरोठी ने बताया कि मरीज ने कई डॉक्टर्स से सलाह कर अपने दर्द से निजात पाने की चर्चा की थी, लेकिन एशियाई बैरियाट्रिक्स अस्पताल, अहमदाबाद में सर्जन से परामर्श करने के बाद, रोगी और उनके परिवार को आत्मविश्वास आया और परिवार के सदस्यों ने सर्जरी के लिए अपनी सहमति दी थी।
इस ऑपरेशन के बारे में जानकारी देते हुए एशियन बैरियाट्रिक्स हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. महेन्द्र नरवारिया, वाइस चेयरमैन डॉ. संजय पटोलिया ने कहा कि अब एशियन बैरियाट्रिक्स हॉस्पिटल में गंभीर सर्जरी के लिए नवीनतम तकनीक और सर्जन्स की सुविधाएं उपलब्ध है। 92 वर्षीय गोहिल को सफल ऑपरेशन के लिए 5 दिन के कार्डियक प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। सर्जरी से पहले उन्हें चिकित्सकीय रूप से स्थिरता प्रदान की गई थी। उसके बाद प्रक्रिया को महज आधे घंटे के भीतर पूरा कर दिया गया था और सर्जरी के केवल 4 घंटे बाद से मरीज ने चलना शुरू कर दिया था। ये अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। घुमावदार घुटनों और मरीज की उम्र के कारण शारीरिक जटिलताओं के ऑपरेशन गंभीर हो सकता था लेकिन अब हमें उम्मीद है कि वह सामान्य जीवन जी सकेंगे।
ये थी डॉक्टर्स टीम
डॉ. योगेश टैंक के निर्देशन में डॉ. शिवानी काकू पर मरीज को एनेस्थिसिया देने की जिम्मेदारी थी। उन्होंने मरीज को सामान्य एनेस्थिसिया पर ऑपरेट करने का निर्णय लिया। चूकिं गंभीर दिल की बीमारी वाले मरीजों के लिए सामान्य एनेस्थिसिया ज्यादा स्थिरता देती है। आम तौर पर इनमें स्पाइनल एनेस्थिसिया दिया जाता है। अच्छी आईसीयू टीम, कार्डियोलॉजिस्ट डॉ मुकेश लड्ढा, फिजिशियन डॉ स्नेहल कोठारी, डॉ धीरज मरोठी जैन और उनकी टीम ने इस सफल ऑपरेशन का संचालन किया।
तीन घंटे में रिकवरी….
डॉ. धीरज मरोठी ‘रानावत ज्वांइट रिकंसट्रक्शन फैलोशिप 2007-08’ न्यूयॉर्क, यूएसए से सम्मानित है। डॉ. धीरज ने पहली बार भारत में रानावत कॉकटेल लागू किया, जो एक पेरी-आर्टीकुलर इंजेक्शन है, ये कम दर्द में पोस्ट-ऑपरेटिव रिकवरी में रोगियों को जल्द खड़े होने में सहायक है। इसकी मदद से सर्जरी के 3 घंटे बाद से ही रिकवरी शुरू हो जाती है।