बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। ‘शहादत को सलाम’ कार्यक्रम के तहत मंगलवार को छत्तरगढ़ की खारवाली से कोलायत के बीकमपुर तक के 166 किलोमीटर सीमावर्ती क्षेत्र में आमजन ने अभूतपूर्व मानव शृंखला बनाकर राष्ट्रीयता का संदेश दिया और देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों को नमन किया।
स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पूर्व देशभक्ति से ओत-प्रोत कार्यक्रम में स्कूली बच्चों से लेकर वरिष्ठजनों ने भागीदारी निभाई। दूरस्थ क्षेत्रों से अलग-अलग वाहनों में अनेक लोग हाथों में तिरंगा लेकर ‘भारत माता की जयघोषभा के साथ पहुंचे। महिलाओं और बच्चियों ने भी इसमें बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाई। लोक कलाकारों ने लोक गीतों के माध्यम से आमजन का ध्यान आकृष्ट किया तो मूंछों पर ताव देते पारम्परिक वेशभूषा में सजे-धजे रोबीले भी आकर्षण का केन्द्र रहे। अनेक स्थानों पर स्कूली विद्यार्थियों ने देशभक्ति से ओतप्रोत कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दीं।
इस दौरान अमरपुरा के 750 आरडी पर आयोजित मुख्य समारोह में सुबह से ही उत्सव सा माहौल बन गया। रंग-बिरंगे गुब्बारों से सजे मार्ग पर लोग सुबह से ही पहुंचना प्रारम्भ हो गए। पुलिस के बैंड ने सुमधुर स्वरलहरियां बिखेरीं तो देशभक्ति के गीतों पर आमजन भी गर्व के साथ थिरकने लगे। राजकीय सीनियर सैकण्डरी स्कूल, अमरपुरा की बालिकाओं ने रंगोली बनाकर आमजन का स्वागत किया तो पहली बार हो रहे ऐतिहासिक कार्यक्रम को देखने वाले लोग भी यहां पहुंचे। इस कार्यक्रम के दौरान अतिथियों सहित आमजन ने शहीदों के प्रति श्रद्धासुमन अर्पित किए।
समारोह में अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा जिला प्रभारी सचिव नीलकमल दरबारी, संभागीय आयुक्त हनुमान सहाय मीना, महानिरीक्षक पुलिस दिनेश एम. एन., जिला कलक्टर डॉ. एन. के. गुप्ता, प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक श्याम सिंह राजपुरोहित, महापौर नारायण चौपड़ा, नगर विकास न्यास के अध्यक्ष महावीर रांका, बीकानेर पंचायत समिति प्रधान राधा देवी, डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य, न्यास सचिव राष्ट्रदीप यादव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लालचंद कायल, डॉ. विमला मेघवाल, डॉ. मीना आसोपा, युधिष्ठिर सिंह भाटी सहित अनेक जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों सहित स्वयंसेवी एवं औद्योगिक संस्थाओं के प्रतिनिधि, स्कूल कॉलेज विद्यार्थी आदि मौजूद रहे।
इस अवसर पर प्रभारी सचिव ने कहा कि ‘शहादत को सलाम’ के तहत आयोजित मानव शृंखला के आयोजन को सीमावर्ती क्षेत्र के लोग हमेशा याद रखेंगे। ऐसे कार्यक्रमों में भागीदारी निभाना भी गर्व की अनुभूति वाला होता है। जिला कलक्टर ने कहा कि यह दिन राजस्थान के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होगा। पहली बार इतना बड़ा आयोजन हुआ है। आमजन द्वारा इसमें आगे बढ़कर भागीदारी निभाई गई है। अनेक लोग अपने संसाधनों से दूरस्थ क्षेत्रों में पहुंचे हैं।