Sunday, November 24, 2024
Hometrendingअसक्षम अधिकारी द्वारा दिये गये आरोप पत्र पर उच्च न्यायालय की अंतरिम...

असक्षम अधिकारी द्वारा दिये गये आरोप पत्र पर उच्च न्यायालय की अंतरिम रोक

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

जोधपुर Abhayindia.com राजस्थान उच्च न्यायालय की एकलपीठ के न्यायाधीश अरूण भंसाली ने रेंजर ग्रेड प्रथम के पद पर कार्यरत शांतिलाल खटीक को राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एंव अपील) सेवा नियम 1957 के नियम 16 मे दिये गये आरोप पत्र के संदर्भ में की जाने वाली आगामी विभागीय कार्यवाही पर रोक लगाई है।

शांतिलाल खटीक जो वर्तमान में रेंजर ग्रेड प्रथम के पद पर डूंगरा वन मण्डल बांसवाडा के पद पर पदस्थापित है। प्रधान मुख्य वन सरंक्षक जयपुर के आदेश 18.12.2018 से वर्ष 2018-19 की रिक्तयों के विरूद्ध प्रार्थी को राजस्थान वन सेवा नियम 2015 के तहत विभागीय पदोन्नति समिति की अनुषंसा पर उसे रेंजर ग्रेड द्वितीय के पद से रेंजर ग्रेड प्रथम के पद पर पदोन्नति प्रदान की गई। दिनांक 31.05.2023 के आदेश से उप वन सरंक्षक प्रतापगढ के द्वारा एक आरोप पत्र राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियत्रंण एवं अपील) नियम 1958 के नियम 16 के तहत प्रदान किया गया व उसे पन्द्रह दिवस मे उसका जवाब देने का भी आदेश दिया गया तथा जवाब नहीं देने पर उक्त आरोप पत्र को सक्षम अधिकारी से अनुमोदित भी करवाने का आदेश दिया गया।

विभाग के इस कृत्य से व्यथित होकर प्रार्थी ने अपने अधिवक्ता प्रमेन्द्र बोहरा के माध्यम से एक रिट् याचिका राजस्थान उच्च न्यायलाय के समक्ष प्रस्तुत की। न्यायालय के समक्ष प्रार्थी के अधिवक्ता का यह तर्क था कि प्रथमतया प्रार्थी का आरोप पत्र देने मे सक्षम अधिकारी प्रधान मुख्य वन सरंक्षक (वन बल) जयपुर है क्योंकि उसे वर्तमान पद पर पदौन्नति उनके द्वारा दी गई तथा जो पदौन्नति प्रदान करता है वो ही आरोप पत्र देने के लिए सक्षम होता है जबकि प्रार्थी को जो आरोप पत्र दिया गया है वह उपवन सरंक्षक प्रतापगढ द्वारा दिया गया है जो कि प्रार्थी के लिये सक्षम अधिकारी नहीं है। दूसरा तर्क यह था कि वन मैन्युअल 2013 मे भी यह स्‍पष्‍ट रूप से अंकित है कि रेजर ग्रेड प्रथम के लिये सक्षम अधिकारी प्रधान मुख्य वन सरंक्षक (वन बल) जयपुर है।

प्रार्थी के अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होते हुए  उच्च न्यायालय ने प्रार्थी की रिट याचिका को अंतरिम रूप से स्वीकार करते हुए उप वन सरंक्षक प्रतापगढ द्वारा दिये गये आरोप पत्र 31.05.2023 के अनुसरण में विभाग द्वारा की जा रही आगामी कार्यवाही पर रोक लगाते हुए सचिव, वन विभाग, प्रधान मुख्य वन सरंक्षक व उप वन सरंक्षक प्रतापगढ को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Ad
- Advertisment -

Most Popular