नई दिल्ली। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में मोदी सरकार को पटखनी देने के लिए कांग्रेस पार्टी ने अपना लक्ष्य तय कर लिया है। मिशन-300 सीट के लिए राहुल को 16 दलों का सहारा लेना पड़ सकता है। कांग्रेस की कमान संभालने के करीब ७ बाद राहुल गांधी की अध्यक्षता में रविवार को पहली बार कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक हुई। इस बैठक में 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी ने 300 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है। पार्टी के मिशन-300 के लिए चुनावों में समान विचारधारा वाले दलों से गठबंधन का फैसला भी किया गया है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम का तर्क था कि पार्टी 12 राज्यों में मजबूत संगठन के बल पर 150 सीटें जीत सकती हैं, लेकिन इससे ज्यादा के लिए सहयोगी दलों का सहारा लेना पड़ेगा। इस लिहाज से करीब दर्जनभर (13) राज्यों में पार्टी को 16 क्षेत्रीय दलों से अलग-अलग गठबंधन करना होगा। इन राज्यों में लोकसभा की कुल 403 सीटें हैं। इनमें से 280 सीटों पर बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए ने साल 2014 में जीत दर्ज की थी।
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो नए राजनीतिक समीकरण से अगले साल के चुनावी नतीजों का अंकगणित बदल सकता है। इनमें से कुछ राज्यों में कांग्रेस का गठबंधन पुराना है, जबकि कुछ राज्यों में उसे नए सिरे से गठबंधन करना होगा। बिहार में कांग्रेस लालू यादव की पार्टी राजद के साथ गठबंधन में है। नए राजनीतिक समीकरण के तहत उस गठबंधन में जीतन राम मांझी की पार्टी हम और शरद यादव की नई पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल भी साथ हो सकती है।