जयपुर (अभय इंडिया न्यूज)। राजस्थान से राज्यसभा की तीन सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए सोमवार को अधिसूचना जारी हो गई, लेकिन भाजपा की ओर से उम्मीदवार अभी फाइनल नहीं हो सके है। इस पर मंथन का दौर अब भी जारी है। विधानसभा और लोकसभा में संख्या बल को देखते हुए प्रदेश की तीनों ही राज्यसभा की सीटों पर भाजपा के उम्मीदवारों की जीत तय है। विधानसभा में जहां भाजपा के 159 विधायक हैं वहीं प्रदेश की 23 लोकसभा सीटों पर भाजपा के ही सांसद है। इसके अलावा छह राजपा एवं निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी पार्टी के पास है।
उधर, संख्याबल के लिहाज से कांग्रेस चुनाव नहीं लडऩे का मन पहले ही बना चुकी है। कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी, नरेन्द्र बुडानिया और भाजपा के भूपेन्द्र यादव का कार्यकाल अप्रेल में समाप्त हो रहा है। सूत्रों की मानें तो भाजपा के भूपेन्द्र यादव का एक बार फिर राज्यसभा में जाना तय लग रहा है, जबकि दो अन्य सीटों पर उम्मीदवारों के नामों के चयन को लेकर पार्टी की प्रदेश कोर कमेटी की बैठक सोमवार शाम को हुई। इसमें मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना, प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौड़ तथा समाज कल्याण मंत्री अरूण चतुर्वेदी शामिल हुए। बैठक में संभावित नामों को लेकर चर्चा हुई, पर आधिकारिक रूप से किसी भी नाम पर अंतिम मुहर नहीं लगी।
सूत्रों ने बताया कि केन्द्रीय नेतृत्व संभवत: किसी एक बाहरी नेता राजस्थान से राज्यसभा में भेज सकता है, जबकि नेता राजस्थान से हो सकता है। राजस्थान से तय होने वाले उम्मीदवारों के नामों को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपने चहेते दो नेताओं को राज्यसभा भेजना चाहती है, विरोधी इसमें अड़ंगा लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। दरअसल, यह चुनाव भी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कद का आकलन करेगा। ऐेसे में यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि आखिरकार उम्मीदवार कौन होते हैं?