बीकानेर abhayindia.com एक तरफ सरकार महिला सशक्तिकरण को बढ़वा दे रही है, वहीं दूसरी ओर महिला अत्याचारों पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाने के लिए जिले के महिला पुलिस थाने में महिला प्रभारी ही नहीं है। महिला थाने में लम्बे समय से पुरुष ही प्रभारी लगे हुए है। यहां नारी निकेतन के पास महिला पुलिस थाना स्थापित होने के बाद इसमें गिनी-चुनी ही महिलाएं प्रभारी लग पाई। यहीं हाल नफरी का भी है। इस थाने में पुलिस निरीक्षक समेत 34 की नफरी में महज 8 ही महिलाएं है। इनमें दो महिला सब इंस्पेक्टरों के साथ एक महिला हैड कांस्टेबल और पांच महिला कांस्टेबल है, जबकि 26 पुरुष पुलिसकर्मी तैनात है।
फिलहाल मनोज माचरा महिला थाने में प्रभारी लगे हुए है, जबकि थाने के द्वितीय प्रभारी का जिम्मा सब इंस्पेक्टर विजयश्री ने संभाल रखा है। थाने में महिला स्टाफ की कमी होने के कारण ज्यादातर काम पुरुष पुलिसकर्मी संभालते है। ऐसे में पीडि़ता थाने पहुंचती है तो उसे पुरुष ही दिखाई देते है। जबकि पुरुष के मुकाबले महिला पुलिसकर्मियों को पीडि़ता अपने पर हो रहे अत्याचारों की व्यथा सहज रूप से बता सकती है। कई बार पुरुष प्रभारी होने के कारण पूरी तरह पीड़ा को बता भी नहीं सकती।
इतना ही नहीं, जिले के थानों में महिला डेस्क के भी बुरे हाल है, हालांकि हर थाने में महिला डेस्क की स्थापना कर रखी है। लेकिन डेस्क महज कागजों तक सिमटी हुई है। कहने को कुछ थानों में महिला डेस्क का बोर्ड भी लगा हुआ है, लेकिन यहां महिला अत्याचार से सम्बंधित महिलाओं की सुनवाई करने वाला भी कोई नहीं होता।
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