Monday, December 23, 2024
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गया था आतंकी बनने और बन गया फैमस गायक

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श्रीनगर। आज से लगभग 28 साल पहले कश्मीर का युवा आतंकी बनने के लिए पाकिस्तान चला गया, लेकिन उसकी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। वो आज पाकिस्तान का चर्चित गायक है। आतंकवादी बनने का इरादा लेकर कश्मीर से निकले 50 साल के अल्ताफ अहमद मीर का पाकिस्तान में खुद का बैंड है।

हाल ही में कोक स्टूडियो के साथ रिलीज किया गया उनका कश्मीरी गाना ‘हा गुलो’ काफी लोकप्रिय हो रहा है। इसे कश्मीर के रहने वाले कवि गुलाम अहमद महजूर ने लिखा था। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में शूट किए गए इस वीडियो को 12 जुलाई को यूट्यूब पर पोस्ट किया गया। तब से करीब साढ़े तीन लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है।

मीर कश्मीर के अनंतनाग के रहने वाले हैं। वे 1990 में देश छोड़कर आतंकवादी बनने के लिए पाकिस्तान चले गए थे, लेकिन परिवार की वजह से उन्होंने अपना इरादा बदल दिया। चार साल बाद कश्मीर लौट आए। उसी दौरान अनंतनाग में इखवान (आतंकियों के एनकाउंटर के लिए बनी सेना) ने अपना ऑपरेशन तेज कर दिया। डर कर मीर वापस पाकिस्तान लौट गए और मुजफ्फराबाद में बस गए। पाक में उन्होंने बच्चों को चेन की सिलाई सिखाने वाले एक एनजीओ के साथ काम शुरू किया। मीर बताते हैं कि यहीं से मेरा संगीत का सफर शुरू हुआ।

मीर ने पाकिस्तान में ही अपना बैंड बनाया। उन्होंने इसका नाम कासामीर रखा, क्योंकि बैंड में सभी लोग कश्मीर के हैं। बैंड में गुलाम मोहम्मद डार सारंगी वादक हैं, जबकि सैफउद्दीन शाह और मंजूर अहमद खान कश्मीर का प्रसिद्ध वादन यंत्र तुम्बाखनेएर बजाते हैं। कोक स्टूडियो ने जब पाकिस्तान में प्रतिभा की खोज शुरू की, तो उन्हें ये बैंड काफी पसंद आया। स्टूडियो ने यूट्यूब पेज पर बैंड के बारे में लिखा है- हा गुलो गाना कश्मीर के लोक गीतों और कविताओं की ताकत का अहसास कराता है। अल्ताफ मीर की खनकती आवाज के साथ सारंगी का सुर इस पारंपरिक गाने को इलेक्ट्रॉनिक मिक्स के साथ बेहतरीन बना देता है।

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