Sunday, September 8, 2024
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दरकते दांपत्य रिश्ते को सुधार सकता है वास्तु शास्त्र

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भारतीय संस्कृति की आधारशिला है- भोगाश्रित त्याग अथवा त्यागोन्मुखी भोग। इस सिद्धान्त को ईशावास्योपनिषद् ‘तेन त्यक्तेन भुञ्जीथाः’ के द्वारा अभिव्यक्त करता है। त्याग तथा भोग के सामंजस्य को आश्रय देने वाली भारतीय संस्कृति इस विशाल विश्व के भीतर अद्वितीय है। हिन्दू-विवाह का परम लक्ष्य कामवासना-पूर्ति नहीं है, किंतु यज्ञ में अधिकार-प्राप्ति तथा सात्त्विक प्रेम में प्रवृत्ति और वेदादि शास्त्र में प्रेम उत्पन्न करना है। वेदमन्त्रों से विवाह शरीर और मन पर विशिष्ट संस्कार उत्पन्न करनेवाला होता है। इससे धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्ष तक की प्राप्ति हुआ करती है। विवाह में होनेवाली चार परिक्रमाएँ इन्हीं चारों वर्गों को संकेतित करती हैं। इसमें काम को संतान उत्पन्न करना पितृ-ऋण का पूर्तिकर्ता और पितरों का उद्धारकर्ता माना जाता है परंतु आज दुर्भाग्यवश ऐसी स्थिति देखने को नहीं मिलती। वैवाहिक संबंधों में तना-तनी तथा इसका विच्छेद समाज में एक आम समस्या बन गया है।

कई बार घर में वास्तु दोष होने पर इसका असर व्यक्ति का जीवन और पारिवारिक रिश्तों पर भी देखने को मिलता है। ऐसे में यदि सात जन्मों का साथ रहने की कसम खाने वाले जल्द ही एक दूसरे से बात करना छोड़ देखना भी पसंद नहीं करते। बात कोर्ट कचहरी व दहेज उत्पीड़न के मुकदमों तक आ जाती है तो इस पर गहन मंथन की जरूरत है।

व्यवहारिक रूप से इसके कई कारण हो सकते है लेकिन वास्तु शास्त्रियों के अनुभव के अध्ययन से यह बात निकलती है कि दरकते रिश्तों का एक कारण वास्तु में गड़बड़ी भी हो सकती है। छोटे-मोटे बदलाव कर दापंत्य को खुशहाल बनाया जा सकता है।

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार, पति-पत्नी को उत्तर पूर्व दिशा के कमरे में या इस दिशा में बेड लगाने से परहेज करना चाहिए। अग्नि के दिशा क्षेत्र दक्षिण-पूर्व में बेडरूम होने से पति-पत्नी का व्यवहार बेवजह ही आक्रामक होता जाता है और कई बार छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करना उसकी आदत में शामिल हो जाता है जिससे दोनों के बीच मनमुटाव रहता है। दोनों बस एक-दूसरे की बुराई व कमियां ढ़ूंढने में ही लगे रहते हैं, जो संबंध विच्छेद का कारण भी बन सकता है। इस कोण में शयनकक्ष होने से फालतू का खर्च भी बढ़ता है।
  • अगर बेडरूम में बहुत बड़े आकार का शीशा लगा हुआ है तो इसे तुंरत हटा दें। पलंग के ठीक सामने दर्पण है तो इसे रात के समय किसी कपड़े से ढककर रखना चाहिए।
  • बेडरूम में अत्यधिक इलेक्ट्रॉनिक्स सामान नही रखने चाहिए। ये वास्तु दोष का कारण बनते हैं और साथ ही इससे मानसिक तनाव भी उत्पन्न होता है। वास्तु शास्त्र में रंगों का बहुत महत्व है। रंग दांपत्य में रंग भर सकता है तो विवाहित जीवन को बेरंग भी कर सकता है। इसलिए जहां तक संभव हो शयनकक्ष में रंगों को हल्का रखना चाहिए। ज्यादा गहरे रंग जैसे काला और लाल रिश्तों में परेशानियां ला सकते हैं। मधुर रंग जैसे गुलाबी या लाइट रंगों का प्रयोग करना चाहिए।
  • अगर हो सके तो अपने बेड रूम में मनी प्लांट लगाना चाहिए। इससे खुशियां बढ़ेगी। बेडरूम में कोई भी कांटे वाला प्लांट नहीं रखना चाहिए, इससे वैवाहिक जीवन में समस्याएँ उत्पन्न होती है।
  • भागमभाग की जीवनशैली में अक्सर लोग रात व दिन के समय बेड पर बैठकर खाते पीते हैं, और झूठे बर्तनों को वहीं पर छोड़ देते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, ऐसा करना घर में वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है। शयनकक्ष के आस पास झूठे बर्तनों को छोड़ देने से घर में लक्ष्मी का वास नहीं होता और घर परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ने लगती है। नतीजे में वैवाहिक जीवन में समस्याएँ उत्पन्न होती है।
  • वास्तु में लकड़ी को अच्छा माना गया है अतः कोशिश यह करनी चाहिए कि शयनकक्ष में स्थित फर्नीचर लकड़ी का बना हुआ हो। चाहे वह बेड हो, ड्रेसिंग टेबल हो या अन्य कोई फर्नीचर। दंपति के लिए इस्तेमाल होने वाला पलंग तो निश्चित ही लकड़ी का ही बना होना चाहिए। इस पर एकल गद्दे का ही उपयोग होना चाहिए। पलंग पर किसी भी तरह से कांच का बना कोई निर्माण नहीं होना चाहिए।
  • पति-पत्नी का बेडरूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना शुभ माना जाता है। यह दिशा पति-पत्नी के बीच प्रेम और स्नेह को बढ़ाती है। इसके अलावा बेड का विशेष तौर पर ख्याल रखें। इससे वैवाहिक जीवन अच्छा रहता है। आमतौर पर देखा गया है कि पलंग के नीचे कबाड़ जमा कर देते है जो वास्तु दोष को जन्म देता है। पलंग के नीचे आवश्यक सामान के अलावा कोई भी गैरजरूरी सामान दांपत्य सम्बन्धों में खटास पैदा कर सकता है।
  • अपने बेडरूम को हमेशा साफ और सुथरा रखें। अव्यवस्था नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देती है, जिसका असर दांपत्य जीवन पर भी पड़ सकता है। बेडरूम को नियमित रूप से साफ करें और चीजों को व्यवस्थित रखें, ताकि शांति और सकारात्मकता का माहौल बना रहे।
  • वास्तु के अनुसार, पलंग (बेड) को बेडरूम के दक्षिण-पश्चिम कोने में रखना सबसे अच्छा माना जाता है। रिश्तों में मजबूती और प्रेम को बढ़ाने के लिए यह सबसे अच्छा स्थान माना जाता है।
  • भूमिगत टैंक दक्षिण-पश्चिम दिशा में नहीं हो। वास्तु के अनुसार, यह पति और पत्नी दोनों के भावनात्मक संतुलन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
  • बेडरूम में सकारात्मक माहौल फैलाने के लिए दीवार पर कुछ सकारात्मक तस्वीरें या चित्र लगाने चाहिए, जैसे प्राकृतिक दृश्य या प्राकृतिक सौंदर्य या भगवान कृष्ण का बचपन का चित्र। बिस्तर के ठीक सामने दर्पण लगाने से बचना चाहिए। दर्पण जितना बड़ा होगा, वैवाहिक संबंधों में तनाव की संभावना उतनी ही अधिक होगी। शयनकक्ष वर्गाकार या आयताकार होना चाहिए तथा उसके कोने नुकीले नहीं होने चाहिए। -सुमित व्यास, वास्‍तुशास्‍त्री, बीकानेर

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