








बीकानेर Abhayindia.com पूरे विश्व में विश्व दुग्ध दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर उरमूल संघ, बीकानेर के सभागार में विश्व दुग्ध दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया गया। श्वेत क्रांति के जनक माने जाने वाले डाॅ. वर्गीज कुरियन के अविश्वसनीय योगदानों को याद किया गया। दुग्ध उत्पादन की महत्वपूर्ण कड़ी कहे जाने वाले दुग्ध उत्पादकों के अद्भूत योगदान व परिश्रम के महत्ता को बताया गया।
उरमूल संघ के प्रबंध संचालक बाबूलाल बिश्नोई, संयंत्र प्रभारी ओमप्रकाश, विपणन प्रभारी मोहन सिंह चौधरी ने जागरूक व अच्छे गुणवत्ता का दुग्ध लाने के लिए कार्यक्रम में दुग्ध उत्पादक देवाराम को गुलदस्ता भेंट कर सम्मानित किया। बाबूलाल विश्नोई ने बताया कि दुग्ध उत्पादकों के परिश्रम और उत्साह का उरमूल संघ आभारी है। उपभोक्ताओं तक दुग्ध व दुग्ध निर्मित उत्पादों की सुनिश्चिता के लिए दुग्ध उत्पादक इस भीषण गर्मी में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देते हुए उच्च गुणवत्ता का दुग्ध डेयरी संयंत्र तक पहुचाया जा रहा है। इस दिवस को मनाने का उद्देय दुग्ध के सम्बन्ध में ध्यान आकर्षित करना एवं दुग्ध उद्योगों से जुड़ी गतिविधियों के प्रचार-प्रसार के लिए अवसर प्रदान करना है। दूध के सेहत के लाभों को समझाने और इसे अपने दैनिक जीवन में शामिल करने की प्रेरणा देते हैं।
दुग्ध दिवस की थीम “पोषण प्रदान करने और विश्व को पोषण देने में डेयरी का महत्व“ रखा गया है। इस थीम के सार्थकता में उरमूल संघ द्वारा उपभोक्ताओं को प्रतिदिन 22 हजार लीटर पाश्च्युरीकृत दुग्ध का विक्रय किया जा रहा है। दुग्ध विभिन्न पोषक तत्वों जैसे कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन आदि का अच्छा स्त्रोत है। उरमूल संघ ने उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य हितार्थ में “दुग्ध का दुग्ध, पानी का पानी“ जनजागरूकता शिविर भी आयोजित किया था। उरमूल संघ की कुल 950 पंजीकृत समितियां है। उरमूल वर्तमान में जिले की समस्त ग्राम पंचायत को दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के माध्यम से कवर किया जा चुका है। उरमूल संघ दुग्ध के महत्व को और भी बढ़ावा देने के लिए संकल्पबद्ध है।
राज्य सरकार के गाईड लाईन के अनुसार दुग्ध दिवस के ऐतिहासिक मौके पर भीषण गर्मी में पशु-पक्षियों के दाने-पानी के लिए उरमूल संघ के बागान व परिसर में पालसिये रखे गये। विश्व दुग्ध दिवस कार्यक्रम के अवसर पर उरमूल संघ के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।





