बीकानेर Abhayindia.com बारह गुवाड़ चौक स्थित रमक झमक में भैरव तुम्बड़ी महोत्सव रविवार को शुरू हुआ। महोत्सव के प्रथम दिन 52 भैरव की स्थापना की गई इससे पूर्व रोली गणेश, षोडष मातृका, नवग्रह, रुद्र कलश, योगिनी, क्षेत्रपाल, वास्तु पुरूष, अखण्ड ज्योति की स्थापना की गई। पंचोपचार पूजन कर प. आशीष भादाणी एवं डॉ गोपाल भादाणी के आचार्यत्व में रुद्रा अष्टाध्याय पाठ किया गया। रुद्री के प्रत्येक अध्याय के साथ भैरव अष्टोत्तर शतनाम पाठ करते हुवे भैरव प्रधान पीठ का फल के रस, औषधि, पंच पुष्प अर्क, बिल्व पत्र अर्क, गुलाब, मोगरा, चंदन, इत्र के साथ केशु केशर, अगर, तगर, अष्ट गन्ध से अभिषेक किया गया। जिसके जल का उपस्थित जनों पर मार्जन कर दूध गुड़ का अभिषेक भी किया गया। दूध, गुड़ को श्वान (कुत्तों) को पिलाया गया।
भैरव तुम्बड़ी महोत्सव के आयोजक एवं रमक झमक के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा ‘भैरुं’ ने बताया कि अभिषेक के बाद चकमक रोटा चूरमा, इमरती, दही बड़े व पान का बिड़ला चढ़ाया गया। बाबू महाराज ने भैरुंनाथ का श्रृंगार किया। महोत्सव के प्रथम दिन शिवबाड़ी लालेश्वर महादेव मंदिर के अधिष्ठाता संत विमर्शानन्द गिरी महाराज एवं कानासर फांटा स्थित रामदेव मंदिर गौशाला एवं आश्रम के अधिष्ठाता संत भावनाथ महाराज का सानिध्य रहा।
इस अवसर विमर्शानन्द महाराज ने कहा कि इस प्रकार के आध्यात्मिक उत्सव जन मानस में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। वहींं, तुम्बड़ी महोत्सव जैसे आयोजन परकोटा संस्क्रति को अक्षुण बनाए रखता है। संत भावनाथ महाराज ने कलयुग में भैरव महिमा और उनके पूजन की महिमा बताई। उन्होंने कहा कि भैरव भय को हरने वाले देव है।
इससे पूर्व दोनों संतों का रामकंवरी ओझा एवं रामप्यारी चुरा संतों को भगवा शाल ओढ़ाकर व अंजनी चुरा ने माला श्रीफल भेंट कर स्वागत किया तथा पंडितों ने वेदमन्त्रों से पूजन तिलक किया। आज हुई आरती में शहर के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। सोमवार को 1000 मोदक का भोग व भैरव सहस्रनाम पठन किया जाएगा तथा संतों का प्रवचन भी होगा।