Friday, December 27, 2024
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बीकानेर : एनआरसीसी में कार्यशाला आयोजित, वैज्ञानिकों ने रखें विचार…

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बीकाने abhayindia.com भाकृअनुप.राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र की ओर से डीएसटी के वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व की नीति के तहत दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई।

आणविक अनुवांशिक अध्ययन और रोग निदान के लिए जीनोम विश्लेषण विधि जीनोम एनेलेसिस मैथड्स फॉर मोल्युलर जेनेटिक स्टडीज एण्ड डिजिज डायग्नोसिस विषयक पर वैज्ञानिकों ने विचार रखे। कार्यशाला में प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों

एवं अनुसंधान संस्थानों के कुल 26 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस अवसर पर कार्यशाला की विभिन्न विषय वस्तुओं पर आधारित प्रशिक्षण कम्पेंडियम का विमोचन भी किया गया।

कार्यशाला के प्रथम दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में डॉ.एके रावत, ने कहा कि जीनोम विश्लेषण के क्षेत्र में अत्यधिक संभावनाएं विद्यमान हैं। उन्होंने भारत सरकार द्वारा जैव प्रौद्योगिकी विभाग की विभिन्न योजनाओं आदि की जानकारी देते हुए वैज्ञानिकों को अवगत कराया कि वे अपने अनुसंधान प्रस्तावों के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं साथ ही उन्होंने इस अनुसंधान कार्यक्षेत्र में दिए जाने वाले विभिन्न फेलोशिप की भी जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने इस क्षेत्र में अपने अनुभव साझा किए।

समापन के मौके प डॉ.वी.के.सक्सेना एडीजी (एपीएण्डबी) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषदए नई दिल्ली ने कहा कि जीनोम की विविधता का अध्ययन करके हम नस्लों की पहचान तथा होने वाले विभिन्न्न रोगों का निदान तथा उत्पादकता वृद्धि स्रह्य के लिए जैनेटिक मार्कर की खोज कर सकते हैं। मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में प्राचीन प्रसंगों का हवाला देते हुए कहा कि हमें अच्छे विचारों को कभी भी रोकना नहीं चाहिए जबकि गलत विचार को ही रोका जाना चाहिएए इसी दृष्टिकोण से ही विज्ञान को समझते हुए उसका सदुपयोग मानव कल्याण के लिए करना चाहिए। अध्यक्षता केन्द्र निदेशक डॉ.आर्तबन्धु साहू करते हुए कहा कि ऊंट अनुसंधान के क्षेत्र में अनुसंधान की असीम संभावनाएं है। उन्होंने कहा कि जीन आधारित तकनीकों का उपयोग चाहे वह पशु विज्ञान हो अथवा मानव विज्ञान या वनस्पति से जुड़ा हो कार्यशाला महत्व रखते हैं। समन्यवक डॉ.वेद प्रकाश,
डॉ.बसंती ज्योत्सना वैज्ञानिक ने भी विचार रखें।

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