बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। बीकानेर जामा मस्जिद के ईमाम गुलाम अहमद फरीदी की सोयम (कुल की फातेहा) मेंं हजारों की संख्या में दुआ के लिए उठे हाथ। मंगलवार सुबह आठ बजे जामा मस्जिद विशाल चौक में सोयम की फातेहा में हजारों लोग शामिल हुए। फातेहा की शुरूआत तिलावते कुरआन से कारी मोहम्मद असगर फरीदी ने हम्द मोहम्मद गयूर ने पढ़ी।
फातेहा के बाद दस्तार बन्दी की रस्म अदा की गई। दस्तार में पगड़ी व जुभा मुफ्ति ए राजस्थान शेर मोहम्मद खान एवं मोहल्ले के वरिष्ठ नागरिकों द्वारा पहनाया गया। मुफ्ति ए राजस्थान ने अपने सम्बोधन में कहा कि मरहूम ईमाम साहब के बताए हुए मार्ग पर चले और उन पर अमल करें। साथ ही उनके बचे सपनों को साकार करें। उन्होंने कहा इस्लाम सलामती, भलाई, भाई-चारा, मुहब्बत, एकता, गरीबों की मदद, अपने वतन से मुहब्बत का पैगाम देता हैं। इस्लाम फिजूलखर्ची, दिखावे से बचने का संदेश देता है और ना ही मृत्यु भोज की दावत देने कि ईजाजत देता हैं। कुरआन फरमा रहा है शिक्षा हासिल करो माँ की गोद से कब्र की लेहद तक। उन्होंने कहा कि आज के दौर में दिनी व दुनियावी दोनों शिक्षा हासिल करनी चाहिए और समाज के उत्थान के लिए पनप रही बुरी रस्मों को समाप्त करने के लिए आगे आना चाहिए। यही ईमाम साहब को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
पूर्व मेयर मकसूद अहमद ने बताया कि इस मौके पर पीर मेहबूब शाह जामसर, पीर गुलाम साहब, पीर जिया साहब, मफ्ति जुननूरैन, शहर काजी मुस्ताक अहमद, मोलाना नसीरूदीन, मोलाना कुदूस, मोलाना फय्याज कोसर, मोलाना अब्दुल वाहिद अशरफी, मोलाना नौशाद, मोलाना ईकरामुदीन, हाफिज मुनिर, हाफिज उसमान व बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, बासनी, चूरू व बीकानेर ग्रामीण, शहरी मस्जिदो ंके ईमाम एवं सभी मोहल्लों के गणमान्य लोग उपस्थित थे।