जयपुर Abhayindia.com राजस्थान में शनिवार को 199 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में 75.25 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मत डाले। प्रदेश में हुए पिछले छह विधानसभा चुनावों की बात करें तो इस बार सबसे ज्यादा वोटिंग हुई है। इस बढी हुई वोटिंग का किसको फायदा मिलता है यह 3 दिसम्बर को परिणामों के साथ ही साफ हो जाएगा। हालांकि, कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियां अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही हैं। राजस्थान में पिछले 30 वर्षों से हर चुनाव के बाद सत्ता परिवर्तन होता आया है।
बहरहाल, आपको बता दें कि वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में 74.06 प्रतिशत मतदाताओं ने मत डाले थे। इसी तरह 2013 में 75.04 प्रतिशत, 2008 में 66.25 प्रतिशत, 2003 में 67.18 और 1998 में 63.39 प्रतिशत मतदाताओं ने मत दिए।
इस चुनाव में कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इनमें खासतौर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष डॉ. सतीश पूनियां, भाजपा सांसद दीया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, बाबा बालकनाथ, किरोड़ी लाल मीणा एवं देवजी पटेल एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया, शांति धारीवाल, डॉ. बीडी कल्ला, प्रताप सिंह खाचरियावास, गोविंदराम मेघवाल, भंवर सिंह भाटी, रालोपा के सांसद हनुमान बेनीवाल शमिल हैं।