अभय इंडिया डेस्क.
केंद्र सरकार की ओर से आगामी एक फरवरी को पेश किया जाना वाला आम बजट आमजन के लिए कई मायनों में खास साबित हो सकता है। वित्त मंत्री अरुण जेटली के लिए भी लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने की चुनौती रहेगी।
कृषि के क्षेत्र में राहत देते हुए मोदी सरकार स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट की सिफारिशों पर गौर कर सकती है। कमेटी की सिफारिशों में कृषि उत्पादकता में लगातार बढ़ोतरी होने के बाद भी किसान की स्थिति में सुधार न होने के कारणों पर विचार किया गया है। उद्योगों में रौनक लौटाने के लिए भी सरकार कई अहम् कदम उठा सकती है। चीन के विनिर्माण उद्योग में आ रही ढलान के मद्देनजर दुनिया भारत की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रही है। कारोबारी सुगमता के लिहाज से भारत की रैंकिंग में हुआ सुधार वैश्विक उद्योगों का आकर्षण बढ़ा रहा है। वित्त मंत्री बजट में मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, मुद्रा योजना जैसे अभियानों को गति देने की कोशिश कर सकते हैं। उद्योगों का सीधा संबंध रोजगारों से है, इसलिए सरकार को इसके लिए ठोस कार्ययोजना बना सकती है। इसके अलावा लघु एवं मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देकर सरकार रोजगार की समस्या से पार पाने की कोशिश कर सकती है। नोटबंदी और जीएसटी की मार से ऐसे उद्योगों पर गंभीर असर पड़ा है, साथ ही रोजगार भी प्रभावित हुआ है। वित्त मंत्री इस बार बजट में करदाताओं को भी राहत दे सकते हैं। इसके अलाव स्वास्थ्य, सड़क, शिक्षा, आवास जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर भी बड़ी घोषणाएं कर सकते हैं।
इस बार आमजन के लिए ‘खास’ हो सकता है बजट
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