जयपुर Abhayindia.com कार्तिक पूर्णिमा यानी देव दिवाली के दिन आठ नवम्बर को चंद्रग्रहण लगने वाला है। आपको बता दें कि इस साल का यह दूसरा चंद्रग्रहण है, जिसे खंडग्रास चंद्रग्रहण भी कहा जा रहा है। हालांकि यह आंशिक चंद्रग्रहण है लेकिन, कई जगहों पर पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। भारत में अधिकांश क्षेत्रों से यह चंद्र ग्रहण आंशिक रूप में दिखाई देगा।
नई दिल्ली टाइम के मुताबिक, यह ग्रहण चंद्रोदय के समय शाम 5.32 पर प्रारंभ होगा और 6.18 पर समाप्त होगा। इसका मोक्षकाल 7.25 पर रहेगा। इसका सूतक काल सुबह 9.21 बजे प्रारंभ होगा और शाम 6.18 बजे समाप्त होगा।
चंद्रग्रहण में क्या करें और किन बातों से बचें…
–सूतक काल के नियमों का पालन करें। सूतक 9 घंटे पहले लग जाता है।
–ग्रहण में लगने वाला सूतक काल एक अशुभ अवधि होती है, जो ग्रहण से पूर्व लगता है और ग्रहण समाप्ति के साथ ही खत्म होता है।
–चंद्रग्रहण के दिन गर्भवती महिलाओं को विशेष तौर से अपनी सेहत का खास ध्यान रखना चाहिए।
–सूतक लगने के बाद पूजा–पाठ नहीं करना चाहिए।
–ग्रहण के दौरान शुभ कार्यों को वर्जित माना जाता है।
–सूतक काल के दौरान घर के मंदिर के कपाट बंद कर दें।
–मंदिर अथवा घर के मंदिर के देवी–देवताओं की मूर्ति को स्पर्श न करें। नैवेद्य या भोजन अर्पिंत नहीं किया जाता है।
–कठोर वचन बोलने से बचें।
–बालों व कपड़ों को नहीं निचोड़ें।
–चंद्र ग्रहण के बाद कुछ खास चीजों का दान करने से ग्रहण के दुष्प्रभाव दूर होते हैं।